सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट करने के बाद हुए हंगामे और जेपीयू की ओर से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद सीवान के गोरेयाकोठी स्थित नारायण कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर खुर्शीद आलम ने इस्तीफा दे दिया है. पोस्ट को लेकर बढ़ते बवाल को देखते हुए प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया. गोरेयाकोठी थाने में एसडीपीओ राकेश कुमार रंजन ने पूछताछ की. पूछताछ में खुर्शीद आलम ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही ये पोस्ट लिखी है. एसडीपीओ ने फेसबुक से पोस्ट को डिलीट कराया तथा बांड व माफीनामा भरवा कर उन्हें छोड़ दिया.
छात्रों ने जमकर किया हंगामा
प्रोफेसर द्वारा राष्ट्रविरोधी पोस्ट लिखने के विरोध में शनिवार को छात्रों ने जमकर हंगामा किया. वहीं, कॉलेज परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने अस्सिटेंट प्रोफेसर खुर्शीद आलम का पुतला का दहन कर कठोर कार्रवाई की मांग की. बताया जाता है कि कॉलेज से खुर्शीद आलम जैसे ही बाहर निकले, छात्रों ने उन्हें घेर लिया. वे किसी तरह अपना बचाव कर गोरेयाकोठी थाने में पहुंचे.
एसडीपीओ ने डिलीट करवाया पोस्ट
घटना की सूचना के बाद एसडीपीओ राकेश कुमार रंजन थाने में पहुंचे और उन्होंने खुद प्रोफेसर से पूछताछ की. इसके बाद एसडीपीओ ने फेसबुक से पोस्ट को डिलीट कराया तथा बांड व माफीनामा भरवा कर प्रोफेसर को छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि जांच के बाद आगे कार्रवाई होगी.
प्रोफेसर डिप्रेशन का शिकार : एसडीपीओ
एसडीपीओ ने कहा कि प्रोफेसर डिप्रेशन का शिकार है. उनका दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल से इलाज चलता है. पूछताछ पर प्रोफेसर ने स्वीकार किया कि फेसबुक आइडी उनकी खुद की है और उन्होंने ही ये पोस्ट लिखी है. हालांकि, दोपहर बाद उनकी आइडी से पोस्ट कर माफी मांगी गयी है. पोस्ट में कहा गया है कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा इरादा नहीं था. इस संबंध में एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि देश विरोधी गतिविधियों की जांच की जा रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
कॉलेज ने किया था शोकॉज
बताया जाता है कि जेपी यूनिवर्सिटी ने भी अस्सिटेंट प्रोफेसर के ऊपर कार्रवाई तेज कर दी है. प्रोफेसर खुर्शीद आलम डेहरी ऑन सोन का रहने वाले हैं और गोरेयाकोठी में स्थित नारायण कॉलेज में राजनीति शास्त्र पढ़ाते थे. खुर्शीद आलम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पॉलीटिकल आइडियोलॉजी के छात्र रहे हैं.
कम्युनल डिस्टरबेंस के लिए मांगी माफी
प्रोफेसर खुर्शीद आलम ने कहा कि वह पोस्ट के लिए माफी नहीं मांगना चाहते, बल्कि इस पोस्ट के चलते जो कम्युनल डिस्टरबेंस हुआ है, उसके लिए माफी मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन व डीसेंट का अधिकार है. उन्होंने कहा कि उनका पोस्ट हिंदू राष्ट्र के खिलाफ है.
प्रोफेसर ने बताया कैसे सुधरेंगे हिंदुस्तान -पाकिस्तान के रिश्ते
प्रोफेसर ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी वंदे मातरम कहता है और कोई हिंदुस्तानी पाकिस्तान जिंदाबाद कहता है, तो इससे दोनों देश के रिश्ते सुधरेंगे. उन्होंने कहा कि वह किसी भी आतंकवाद को सपोर्ट नहीं करते. दोनों देशों में अमन-चैन की बात करते हैं और हिंदू-मुस्लिम एकता पर काम कर रहे हैं.
फेसबुक पर डाला था देश विरोधी पोस्ट
कुछ दिन पहले खुर्शीद आलम ने फेसबुक पर एक देश विरोधी पोस्ट डाला था. इस मामले में जेपी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो रंजीत कुमार सिंह ने कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से सहायक प्राध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा. स्पष्टीकरण के जवाब सहायक प्राध्यापक खुर्शीद आलम ने लिखा कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखना उनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. इसके साथ ही उन्होंने अपना त्यागपत्र भी दे दिया.
त्यागपत्र विश्वविद्यालय को भेज दिया गया
रजिस्ट्रार ने बताया कि इस मामले में प्राध्यापक दोषी पाये गये हैं. राजभवन को भी इससे अवगत करा दिया गया है. वहीं, उनके स्पष्टीकरण व त्यागपत्र की प्रति को कुलपति को भी दिया गया है. जल्द ही इस पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी को भी इस मामले से अवगत करा दिया गया है. वहीं, प्राचार्य डॉ प्रमेंद्र रंजन सिंह ने भी बताया कि सहायक प्राध्यापक का त्यागपत्र विश्वविद्यालय को भेज दिया गया है.
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