सासाराम शहर में पोस्टर लगाने के प्रचलन में अब बदलाव देखने को मिल रहा है. अब तक लोगों को अपने कार्यों के बारे में बताने, नेताओं के स्वागत और प्रतिष्ठानों के प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर लगाये जाते थे. वैसे तो ऐसे पोस्टर अब भी लगाए जा रहे हैं. लेकिन, नगर निगम की मेयर काजल कुमारी द्वारा लगाए जाने वाले पोस्टर में एक साथ कई संदेश लोगों के लिए रहता है. हाल ही में मेयर का एक पोस्टर शहर के कई स्थानों पर लगाया गया है, जिसमें शहरवासियों को नए वर्ष, मकर संक्रांति व गणतंत्र दिवस की बधाई दी गयी है.
क्या है पोस्टर में
मेयर द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में मेयर ने सिर्फ पर्व त्योहार की बधाई ही नहीं दी गई है. बल्कि उसके साथ ही इसी पोस्टर में मेयर ने अपने विरोधियों और भ्रष्टाचारियों को भी कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने अपने पोस्टर में लिखा है कि ‘वह करते रहे परेशान, हम अपना करते रहे काम. साथ ही उन्होंने अपने पोस्टर पर स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि विकास की राह में जो कोई भी बाधक बनेगा. उसे जेल भेजा जायेगा. इसके साथ ही इस पोस्टर में मेयर ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि करीब 500 योजनाओं को मंजूरी दी गयी है.
पहले भी लगे हैं ऐसे पोस्टर
यह पहली बार नहीं है, जब मेयर ने इस प्रकार के पोस्टर शहर में लगवाया हैं. इसके पहले भी उन्होंने सफाई एजेंसी सीबीएस पर कार्रवाई का पोस्टर शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लगवाया था, जिसमें सफाई एजेंसी द्वारा इकरारनामा के अनुसार कार्य नहीं करने को लेकर करीब 45 लाख रुपये की कटौती का जिक्र किया गया था.
सासाराम नगर निगम की पहली मेयर हैं काजल
बता दें कि काजल कुमारी सासाराम नगर निगम की पहली मेयर हैं. काजल ने सासाराम से पांच बार भाजपा के विधायक रह चुके जवाहर प्रसाद की बहु चांदनी कुमारी को 2932 मतों हराकर यह जीत हासिल की थी. काजल को कुल 16709 वोट मिले थे. वहीं चांदनी को 13777 वोट मिले थे.
नगर आयुक्त के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी नगर आयुक्त के कार्यों को लेकर मामला हाई कोर्ट में जायेगा. शहर के जगदेव नगर निवासी सुनील कुमार ने नगर आयुक्त की सेवा वापसी के लिए वाद दायर करने का मन बनाया है. वाद दायर करने से पहले उनकी अधिवक्ता मयूरी ने इस संबंध में एक नोटिस महा अधिवक्ता को भेजा है.
नगर आयुक्त पर क्या है आरोप
नोटिस के माध्यम से सुनील कुमार ने नगर आयुक्त पर यह आरोप लगाया है कि वह नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, जिससे जनकल्याण की योजनाओं पर निर्णय लेने में जनप्रतिनिधियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में राज्य सरकार व नगर विकास व आवास विभाग उनकी सेवा को वापस ले.
रिपोर्ट- डॉ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, सासाराम रोहतास
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