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मेरठ: SDM ऑफिस के सामने आत्मदाह करने वाले किसान की मौत, आहत बेटा सुसाइड करने चढ़ा टावर पर, कही यह बात

मेरठ में एसडीएम ऑफिस में खुद को आग लगाने वाले किसान की उपचार के दौरान मौत हो गई. मंत्री दिनेश खटीक ने मृतक जगवीर के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजे का चेक देने लगे. जब यह बात किसान के छोटा बेटा को पता चली तो वो इसके विरोध में टावर पर चढ़ गया.

मेरठ के मवाना में एसडीएम ऑफिस में शुक्रवार को खुद को आग लगाने वाले किसान की शनिवार को मौत हो गई. किसान का शरीर 70 फीसदी जल गया था, जिसके बाद उसे मेरठ के लिए रेफर किया गया था. वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर संदीप गर्ग ने बताया कि जगबीर की मृत्यु हो गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है. उधर, किसान की मौत से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. हस्तिनापुर के अलीपुर मोरना गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. शनिवार की शाम को किसान का पोस्टमार्टम कराया गया. इस दौरान मृतक किसान जगबीर के बड़े बेटे प्रिंस ने जिलाधिकारी दीपक मीणा से मिलकर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की. इस अवसर पर जिलाधिकारी ने हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच की जा रही है. जिसके लिए एडीएम प्रशासन अमित कुमार व एसपी देहात कमलेश बहादुर को जांच के लिए लगाया गया है. मृतक किसान जगबीर का शव देर रात करीब 10.00 बजे भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचा. जिसे गांव के बाहर किसान जूनियर हाईस्कूल में रखा गया. ग्रामीण और परिजनों ने हिंदू रीत- रिवाज के अनुसार, संस्कार करने की बात कहते हुए रात में संस्कार करने से मना कर दिया. पीड़ित परिजनों की ओर से कहा गया है कि रविवार सुबह को अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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पिता को इंसाफ न मिलने पर टॉवर पर चढ़ा नाराज बेटा

उधर, शनिवार को इस पूरे मामले में किसानों ने पंचायत बुलाई गई. जिसमें वन विभाग द्वारा किसानों की जमीन को अपना बताकर कब्जा करने का विरोध किया गया. इस पंचायत में राज्यमंत्री दिनेश खटीक और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे. जहां मंत्री दिनेश खटीक ने पीड़ित किसान जगवीर के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजे का चेक देने लगे. जब 2 लाख रुपए मिलने की बात किसान जगवीर के छोटा बेटा आकाश को पता चली तो वो इसके विरोध में खड़ा हो गया. अपने गांव अलीपुर मोरना में आकाश मंत्री के 2 लाख रुपए के खिलाफ टावर पर चढ़ गया. मौके पर जमा भीड़ ने उसे बड़ी मुश्किल से टावर से उतारा. बेटे आकाश का कहना है कि वन विभाग ने खेत में खड़ी हमारी तैयार फसल को जोतकर नष्ट कर दिया. हमारी 80 साल पुरानी पैतृक जमीन पर वन विभाग ने कब्जा कर लिया है. मंत्री इसकी कीमत 2 लाख रुपए लगा रहे हैं.

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया है. परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हुए हैं, जबिक कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन परिजन नहीं मान रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक वह उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर ने पीड़ित परिवार की ओर से कुछ मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार बातचीत की. हालांकि प्रशासन की ओर से अभी कोई मांग मंजूर नहीं की गई है. एसडीएम अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे, जहां उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. एसडीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. साथ ही कहा कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी. लेकिन अब किसान की मौत होने से अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं. वहीं मृतक के बेटे आकाश ने थाने पर कई अधिकारियों के खिलाफ हत्या के मामले में तहरीर दी है.

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ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा जमीन को खाली कराने पहुंची थी टीम

बता दें कि हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव के समीप वन विभाग के कृष्ण वन ब्लॉक में विभाग की करीब तीन हेक्टेयर भूमि पर पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा था, जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए भूमि को अपने कब्जे में ले लिया. डीएफओ राजेश कुमार के निर्देशन पर गुरुवार को वन विभाग के सर्वेयर विजेंद्र सिंह, रेजर रविकांत व स्थानीय लेखपाल सचिन तोमर, रोहित शर्मा, राजस्व निरीक्षक अग्रसेन, डिप्टी रेंजर मनोज कुमार सहित दर्जनों अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची थी. उन्होंने सरकारी भूमि पर वन विभाग का ट्रैक्टर चलाकर उसे कब्जा मुक्त कराया था. किसान जगबीर के आत्मदाह के प्रयास के मामले में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने जांच बैठा दी है. एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर जांच करेंगे. जिलाधिकारी ने 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई दोषी मिला तो सख्त एक्शन होगा. उन्होंने कहा कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत थी, जिससे अतिक्रमण हटाया गया था. किसान जगवीर जमीन की दोबारा से पैमाइश की एप्लिकेशन लेकर पहुंचे थे, लेकिन जांच और कार्रवाई से पहले ही आत्मदाह कर लिया. जांच में किसी की लापरवाही मिली तो सख्त एक्शन होगा.

वहीं क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने बताया कि इस भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था. जिसे अभियान के तहत ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया और वन विभाग ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है. जहां पर भी वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण है, उन्हें मुक्त कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा. खादर क्षेत्र में गंगा किनारे करीब पांच सौ हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त और चिन्हित कर लिया गया है. इस भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधरोपण किया जाएगा. इसके लिए तैयारी चल रही है.

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