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बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ीं! यौन शोषण मामले में पुलिस ने अदालत से की ये अपील

पिछले साल, बृजभूषण शरण सिंह ने अदालत में कहा था कि भारत के बाहर कथित तौर पर किए गए किसी भी अपराध की सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. जानें मामले का ताजा अपडेट क्या है.

बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक अदालत से महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आग्रह किया है. पुलिस ने आरोपी की उस दलील का विरोध किया जिसमें कहा गया है कि क्योंकि कुछ कथित घटनाएं विदेशों में हुईं, इसलिए वे दिल्ली की अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आतीं हैं. पुलिस की ओर से बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ आरोप तय करने पर बहस पूरी हो चुकी है.

पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष तर्क दिया और कहा कि बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित तौर पर विदेशों और दिल्ली सहित भारत के अंदर की गई यौन उत्पीड़न की घटनाएं उसी अपराध के हिस्से के तहत आतीं हैं. पुलिस ने न्यायाधीश से कहा कि इस मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिल्ली की अदालत को है. अदालत की ओर से अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 जनवरी को रखी गई है.

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किन धाराओं में किया गया है केस दर्ज

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून, 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 354-डी (पीछा करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी)के तहत आरोप पत्र दायर किया था. इसके बाद से उनकी मुश्किलें बढ़ गईं हैं.

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अगली सुनवाई 20 जनवरी को

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत की अदालत नए सिरे से दलीलें सुन रही थी. ऐसा इसलिए क्योंकि आरोप तय करने के चरण में ही पिछले न्यायाधीश का तबादला कर दिया गया था. अब मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होनी है. आरोपी ने पहलवानों की सांस लेने की क्षमता की जांच करने के बहाने उनके स्तनों को छूने के अपने कृत्य को पितृत्व के रूप में उचित ठहराने का काम किया था.

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