Share Market: भारतीय शेयर बाजार में साल 2023 के आखिरी में आयी तेजी और मजबूत आर्थिक बुनियादी नीव का असर मार्केट में दिखने लगा है. विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर से स्टॉक मार्केट में भरोसा दिखाया है. जनवरी के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में ख़रीदारी का सिलसिला जारी रहा है. विदेशी निवेशकों ने इस सप्ताह बाजार में करीब 4,800 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किया है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 4,000 करोड़ रुपये लगाए हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि 2024 में अमेरिका में ब्याज दरों में लंबे समय तक गिरावट की उम्मीद है, जिससे एफपीआई अपनी खरीदारी बढ़ाएंगे. खासकर आम चुनावों से पहले नए साल के शुरुआती महीनों में उनका निवेश बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2024 में ऋण बाजार में भी एफपीआई का प्रवाह अच्छा रहने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (पांच जनवरी तक) भारतीय शेयरों में 4,773 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इससे पहले दिसंबर में उन्होंने शेयरों में 66,134 करोड़ रुपये और नवंबर में 9,000 करोड़ रुपये डाले थे. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक – प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई का ताजा प्रवाह ऐसे समय में आया है, जब निवेशक पिछले सप्ताह किनारे पर रहे और उन्हें फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे का इंतजार था. फिडेल फोलियो के स्मॉलकेस प्रबंधक और संस्थापक किस्लय उपाध्याय ने कहा कि भारत के घरेलू निवेशकों का निरंतर प्रवाह, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अच्छे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े, कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजे और बैंकों की अच्छी सेहत विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार की तरफ आकर्षित कर रही है. कुल मिलाकर बीते साल यानी 2023 एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें से 1.71 लाख करोड़ रुपये का निवेश शेयरों में 68,663 करोड़ रुपये का ऋण या बॉन्ड बाजार में रहा है.
क्या है एफपीआई
FPI का मतलब है फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट. यह एक निवेश का तरीका है जिसमें विदेशी व्यक्ति या संस्थान, शेयरों, सावधि जमाओं, और म्यूचुअल फ़ंड्स जैसी वित्तीय संपत्तियों में निवेश करते हैं. विदेशी अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करने का एक सामान्य तरीका है. इसमें निवेशक अपने देश के बाहर संपत्ति और प्रतिभूतियों का आयोजन करते हैं. इन निवेशों में स्टॉक, बॉन्ड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या म्यूचुअल फंड शामिल हो सकते हैं. निवेशक को कंपनी की संपत्ति का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्रदान नहीं करता. यह बाजार की अस्थिरता के आधार पर अपेक्षाकृत तरल होता है.
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