आयुर्वेद में शहद का काफी महत्त्व है. इसे कई बीमारियों में फायदेमंद और गुणकारी माना गया है। यह विभिन्न औषधियों का एक जरूरी इनग्रिडिएंट है. शहद बॉडी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रामक बीमारियों से बचाने में कारगर सिद्ध होता है. शहद में कैल्शियम, कॉपर, पोटैशियम, मैंगनीज, जिंक जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं. शहद वजन कम करने के साथ कई बीमारियों को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है. जानते हैं किन समस्याओं में शहद बेहद कारगर साबित हो सकता है.
शहद को गर्म करने से इसमें शामिल कई एंजाइम नष्ट हो जाते हैं. इसलिए इसे गर्म करने से बचें. गर्म करने पर इसमें विषाक्त लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं.
कई बार देखा गया है कि शहद का प्रयोग लोग चीनी की जगह करते हैं और गर्म पेय पदार्थों में मिलाकर प्रयोग करते हैं. ऐसा किया जाना भी गलत है.
कुछ ऐसी खाद्य सामग्रियां हैं जिनके साथ शहद का संयोजन नहीं किया जाना चाहिए. मसालेदार खाद्य पदार्थों, घी, सरसो तेल व वाइन के साथ शहद का इस्तेमाल वर्जित है.
कुछ लोग फैट बर्न करने के लिए गर्म पानी में शहद डालकर पीते हैं. ऐसा करना भी गलत है. शहद को नार्मल वाटर में मिलाकर ही पीएं। गर्म पानी में मिलाना भी सही नहीं है.
शहद एक अच्छा फैट बर्नर है.बॉडी से अतिरिक्त वसा को कम करने में यह इफेक्टिव है.
कफ, खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों में शहद का सेवन अच्छा रिजल्ट देता है. कई नुस्खों में इसका प्रयोग किया जाता है.
आंखों की रोशनी के लिए शहद का सेवन गुणकारी माना जाता है.
स्किन नरिशमेंट के लिए शहद को प्रभावकारी माना जाता है.
शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. इस वजह से घाव को भरने में या चोट से जल्दी आराम मिलता है.
इसमें मुख्य रूप से फ्रक्टोज पाया जाता है. शहद में कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी सिक्स, विटामिन सी, एमिनो एसिड और नायसिन मिलता है. शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन नहीं पाया जाता.
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