हीरालाल पांडेय, बरवाअड्डा :
गोविंदपुर प्रखंड क्षेत्र के तिलैया पंचायत के आदिवासी बहुल गांव धरमपुर में गरीब ग्रामीणों को अभी तक आवास व पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला है. हर गरीब को घर देने की सरकार की घोषणा यहां पर धरातल पर नहीं दिखती है. ग्रामीण इसके लिए सरकारी बाबूओं व बिचौलियों को दोषी ठहरा रहें है. बड़की देवी, (47 वर्ष) पति, स्व. श्यामलाल मांझी, बाहमणी देवी, (45 वर्ष) पति, स्व. मोतीलाल हांसदा, रानी देवी, (63 वर्ष) पति, सीताराम मांझी, (घोड़ाबांधा) समेत अन्य महिलाओं को पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. इन महिलाओं का कहना है कि हमलोग आवेदन देते, देते थक गये हैं. लेकिन आजतक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला है.
गोविंदपुर प्रखंड मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर धरमपुर गांव की आबादी लगभग पांच सौ है. इसमें अधिकतर आदिवासी परिवार हैं. सभी मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. कुछ लोग मिट्टी काटने का भी काम करते हैं. युवा, बुजुर्ग व महिलाओं का मुख्य पेशा मजदूरी है. सभी मजदूरी करने धनबाद, गोविंदपुर, बरवाअड्डा, राजगंज, कतरास आदि क्षेत्रों में जाते हैं. कभी गांव में नहीं गये हैं बीडीओ, सीओ व कर्मचारी : ग्रामीणों ने बताया कि आजत तक हमारे गांव में बीडीओ, सीओ व जिले के बड़े अधिकारी नहीं आये हैं. यहां तक कि पंचायत सेवक, कर्मचारी व अन्य सरकारी कर्मी भी कभी गांव नहीं आते हैं. इस कारण हम गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय में आवेदन दिया. लेकिन आवास व पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिला.
ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पंचायत में सरकारी योजनाओं में बिचौलिए हावी हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अबुआ आवास के लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जमा किये फार्म की जांच पंचायत सेवक, कनीय अभियंता व अन्य सरकारी कर्मी कर रहे हैं. लेकिन बिचौलिए इन कर्मचारियों को जीटी रोड के विभिन्न होटलों में लेकर चले जाते हैं. फिर अपनी पसंद के लोगों को आवास योजना का लाभ दिलाते हैं. इसके लिए आवेदन जमा करनेवाले लाभुकों से पैसे की उगाही भी हो रही है. पूरे पंचायत में चर्चा है कि बिना पैसे दिये काम नहीं होता है. इस कारण लोग योजना का लाभ लेने के लिए पैसे दे रहे हैं. फिर बिचौलियों के माध्यम से पैसे बाबूओं तक पहुंचाया जा रहा है.
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मेरा कच्चा मकान है. मुखिया से लेकर बीडीओ तक को आवेदन दिया, लेकिन आजतक आवास योजना का लाभ नहीं मिला. गांव में बीडीओ, सीओ कभी नहीं आते हैं. कच्चे मकान में रहने से हमेशा जंगली हाथियों का भय सताता रहता है.
गुड़िया देवी, पति सुनील कर्मकार
मैं गरीब महिला हूं. मेरे पति का देहांत हो चुका है. मजदूरी कर परिवार चला रही हूं. टूटे, फूटे कच्चा मकान में रहने को मजबूर हूं. अभीतक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. अब हालात हैं कि उम्मीद भी नहीं बची कि मकान मिल पायेगा.
संबोली देवी, पति स्व संजय हेंब्रम
आवास योजना का लाभ लेने के लिए दर, दर भटक रही हूं. कोई सुननेवाला नहीं है. बिचौलिए गांव में सरकारी बाबुओं का आने नहीं देते है. बाहर से ही सबकुछ सेटिंग कर लिया जाता है. हम गरीबों का हक मार लिया जा रहा.
लीलावती देवी, पति ज्योतिलाल हेंब्रम
आवास योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है. आवेदन देने के बाद सिर्फ आश्वासन मिलता है. आज तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. अभी भी कच्चे मकान में रहने को विवश हूं. जंगली हाथियों डर हमेशा सताता रहता है.
लीलू देवी, पति मंटू मांझी
स्थानीय वार्ड सदस्य टुसू देवी पति सहदेव मरांडी (प्रतिनिधि) ने कहा कि असली हकदार लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. धरमपुर में गरीबों को घर नहीं मिला है. पंचायत में बिचौलिए हावी हैं. अबुआ आवास के लिए जांच करने आ रहे अधिकारी, कर्मचारी को बिचौलिए गांव आने नहीं दे रहे हैं. उन्हें बाहर से ही होटल में खाना खिलाकर वापस भेज दे रहे हैं. अधिकारी व कर्मचारी से सेटिंग कर आवास योजना का लाभ दिलाने में बिचौलिए लगे हुए हैं. पता चला है कि पैसे का लेनदेन भी हो रहा है. गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के दोषी अधिकारी, कर्मचारी व बिचौलिए हैं.
जिन लाभुकों ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अबुआ आवास के लिए आवेदन दिया है. उनका आवेदन ग्रामसभा में पास कराकर प्रखंड कार्यालय भेज दिया जायेगा. जिन्हें घर व पेंशन नहीं मिला है आकर मुझसे संपर्क करें. योग्य लाभुकों को घर व पेंशन दिलाने का प्रयास करूंगा. आवास योजना में पैसे लेनदेन की जानकारी मुझे नहीं है.
सुधीर महतो, मुखिया