सौभाग्य में बदल सकता है भाग्य
हर कोई चाहता है कि उसके घर में सुख – समृद्धि का वास हो और जीवन में कोई बाधा ना आएं. लेकिन कई बार कुछ समस्याएं पीछा नहीं छोड़ती. ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आपका भाग्य सौभाग्य में बदल सकता है .
वास्तु शास्त्र में हर दिशा का खास महत्व
वास्तु शास्त्र में हर दिशा का खास महत्व है. घर में किस दिशा में क्या रखना शुभकारी है और कौन अशुभ इसके नियम बताए गए हैं जिसका प्रभाव उस घर में रहने वाले लोगों पर पड़ता है. अक्सर जब हमें नींद आती है तो हम किसी भी दिशा का ख्याल रखे बिना ही सो जाते हैं. जो नहीं करना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा दक्षिण या पूर्व की दिशा में ही सिर करके सोना चाहिए. गलती से भी अपना पैर दक्षिण दिशा में करके ना सोएं. अगर आप ऐसा करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य पर नकरात्मक असर डालता है. अगर आप चाहते हैं कि बीमारी आपसे दूर रहे तो दिशाओं का हमेशा ध्यान रखें
नलों से टपकता पानी
कई घरों में नलों से पानी टपकता रहता है लेकिन लोग ध्यान नहीं देते जो कि वास्तु के अनुसार सही नहीं है. अगर नल से हमेशा ही पानी गिरता रहता है तो यह आपकी सेहत को खराब करता ही है आपके घर से धन की हानि भी करता है. अगर रसोई में नल से पानी दिन रात टपकता है तो माना जाता है कि इससे वरूण देव नाराज हो जाते हैं इससे रोजगार में हानि होने के साथ अन्य आर्थिक और स्वास्थ्य परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए ऐसे नलों को जितनी जल्दी हो ठीक कराएं.
ना भरें घर की सीढ़ियों के नीचे की जगह
हम सबकी आदत होती है कि घर की सीढ़ियों के नीचे की जगह को भी सामानों से भर देते हैं. वास्तु शास्त्र में ऐसा करना अशुभ माना गया है. ऐसा करने से आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते है. इसलिए हमेशा घर में सीढ़ियों के नीचे की जगह को साफ- सुथरा और पूरी तरह व्यवस्थित रखें.
पढ़ाई के समय दिशा का ध्यान
पढ़ाई के समय अगर आप दिशा का ध्यान रखते हैं तो आप अधिक एकाग्रता के साथ पढ़ाई कर सकते हैं इसलिए पढ़ने के वक्त हमेशा आपका मुंह पूर्व या उत्तर की दिशा में होना चाहिए. जिससे पॉजिटिव रिजल्ट मिलते हैं आपका स्वास्थ्य भी बना रहता है.
नौकरी या प्रमोशन के लिए वास्तु टिप्स
कई बार ऐसा होता है आप कितना भी परिश्रम करें आपको वो उन्नति नहीं मिलती जिसके लिए आप खुद को हकदार समझते हैं. ऐसे में जो लोग नौकरी या प्रमोशन चाहते हैं वे रोज पक्षियों को मिश्रित दाना खिलाएं. सात प्रकार के अनाजों में गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल और दालें शामिल कर सकते हैं
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