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झारखंड: निदेशक मंडल की सहमति के बिना ही मिल गया पांचवां सेवा विस्तार

निगम की ओर से अरविंद कुमार को पांचवीं बार सेवा विस्तार देने का मामला निदेशक मंडल की बैठक में पेश किया गया. आठ अगस्त 2023 को हुई इस बैठक में अरविंद झा को सेवा विस्तार का लाभ देने के मामले में वित्त विभाग की राय लेने का फैसला हुआ.

शकील अख्तर, रांची :

झारखंड भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने निदेशक मंडल की सहमति के बिना अरविंद कुमार झा को पांचवीं बार सेवा विस्तार का लाभ दिया. वह निगम में परियोजना प्रबंधक के पद पर सितंबर 2019 से संविदा के आधार पर नियुक्त हैं. निगम ने वित्त विभाग के आदेश का उल्लंघन करते हुए उन्हें एक ही बार में तीन साल के लिए संविदा के आधार पर नियुक्त कर लिया था.

निगम की ओर से अरविंद कुमार को पांचवीं बार सेवा विस्तार देने का मामला निदेशक मंडल की बैठक में पेश किया गया. आठ अगस्त 2023 को हुई इस बैठक में अरविंद झा को सेवा विस्तार का लाभ देने के मामले में वित्त विभाग की राय लेने का फैसला हुआ. क्योंकि वित्त विभाग के आदेश में संविदा के आधार पर तीन बार के बाद किसी को नियुक्त करने को अपवादित परिस्थिति करार दिया गया है. तीन बार के बाद या 65 वर्ष से अधिक के व्यक्ति को काम पर रखने के लिए वित्त विभाग और मुख्यमंत्री की सहमति आवश्यक करार दिया गया है.

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उधर राय लेने के लिए वित्त विभाग को भेजा पत्र, इधर दे दिया सेवा विस्तार

निदेशक मंडल की बैठक के फैसले और वित्त विभाग के इस प्रावधान के आलोक में निगम के प्रबंध निदेशक ने 17 अगस्त को वित्त विभाग को एक पत्र लिखा. इस पत्र के माध्यम से निगम ने यह जानना चाहा कि संविदा पर नियुक्ति के लिए वित्त विभाग द्वारा 2016 में जारी आदेश राज्य सरकार के बोर्ड और निगम पर लागू होता है या नहीं. वित्त विभाग ने 30 अगस्त 2023 को इस पत्र जवाब निगम को भेजा. पत्र में निगम को इस बिंदु पर राय लेने के लिए पूरी फाइल, सबूत और मंतव्य के साथ भेजने का निर्देश दिया. इस बीच 30 अगस्त को ही अरविंद कुमार को सेवा विस्तार का लाभ देने के लिए प्रबंध निदेशक के पास फाइल भेजी गयी. इसमें यह लिखा गया कि परियोजना प्रबंधन अरविंद कुमार के सेवा विस्तार के मामले में अब तक वित्त विभाग की राय नहीं मिल सकी है. निगम के कार्यहित में वित्त विभाग की राय मिलने तक और निदेशक मंडल की स्वीकृति तक अरविंद कुमार झा को काम करने की अनुमति दी जाये. प्रबंधन निदेशक ने 31 अगस्त को इस पर अपनी सहमति दे दी. इससे उन्हें पांचवीं बार अवधि विस्तार का लाभ मिला.

संविदा पर तीन साल की नियुक्ति का है प्रावधान

उल्लेखनीय है कि कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार झा के सेवानिवृत होने के बाद निगम ने उन्हें एक ही बार में तीन साल के संविदा पर नियुक्त कर लिया. वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में संविदा के आधार पर एक साल के लिए नियुक्त करने का प्रावधान था. कार्य संतोषप्रद होने की स्थिति में संविदा के आधार पर नियुक्त व्यक्ति को एक-एक साल के लिए दो बार सेवा विस्तार देने का प्रावधान था. अर्थात संविदा पर किसी व्यक्ति को एक-एक साल के हिसाब के कुल तीन साल के लिए नियुक्त करने का प्रावधान था.

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