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राशन घोटाला : ईडी के राडार पर गिरफ्तार तृणमूल नेता शंकर आध्या का परिवार,पूछ-ताछ के लिए भेजा नोटिस

12 जनवरी को ईडी दफ्तर आकर बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया है. ईडी सूत्रों का कहना है कि राशन वितरण घोटाले की जांच में उन्हें जानकारी मिली है कि बड़ी राशि विदेश भेजी गयी है. शंकर के परिवार के सदस्यों के नाम पर कई ऐसे अकाउंट मिले हैं.

पश्चिम बंगाल के बनगांव में ईडी के हाथों गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के नेता शंकर आध्या के परिवार के सदस्यों से अब ईडी की टीम पूछताछ करना चाहती है. शंकर के भाई से पूछताछ के लिए ईडी ने उसे नोटिस भेजा था. बुधवार को उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आकर अपना बयान दर्ज कराना था. हालांकि बुधवार को वह यहां नहीं पहुंचे. इमेल से उन्होंने अधिकारियों को बताया कि भाई की गिरफ्तारी को लेकर वह काफी डिप्रेशन में हैं. उन्हें कुछ और समय दिया जाये. इस पर ईडी ने परिवार के सभी सदस्य को 12 जनवरी को ईडी दफ्तर में आकर बयान दर्ज कराने को कहा है. ईडी सूत्रों का कहना है कि राशन वितरण घोटाले की जांच में उन्हें जानकारी मिली है कि बड़ी राशि विदेश भेजी गयी है. शंकर के परिवार के सदस्यों के नाम पर कई ऐसे अकाउंट मिले हैं, जिनसे मोटी रकम को विदेशी करेंसी में तब्दील किया गया था. इसी सिलसिले में परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

ज्योतिप्रिय के पत्र से शंकर के नाम का हुआ खुलासा

राशन घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता शंकर आध्या का पता मामले में पहले से गिरफ्तार वन मंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के एक पत्र से चला. शंकर आध्या पत्र के माध्यम से अस्पताल में भर्ती मंत्री मल्लिक के संपर्क में था. गिरफ्तारी के बाद से मल्लिक अस्वस्थ होने पर एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हैं. पिछले महीने अस्पताल में मल्लिक के केबिन से सीसीटीवी कैमरे हटाये जाने के एक दिन बाद उनकी बेटी उनसे मिलने गयी थी. उनकी बेटी के पास से ही एक पत्र बरामद किया गया, जिसे मल्लिक ने उसे दिया था. उसी पत्र के जरिये शंकर आध्या के नाम का पता चला. ईडी के अधिवक्ता ने बताया कि उस पत्र में किससे और कितना पैसा लेना है, किसे कितना पैसा देना है, ये सब लिखा हुआ था.

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जांच के साथ ही राशन घोटाले का वित्तीय आकार भी बढ़ता गया

राशन वितरण घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली और लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. वर्ष 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था. 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले दर्ज किये गये थे. उसी के आधार पर इडी ने वर्ष 2022 में इसीआइआर दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन इस साल की शुरुआत में इस घोटाले के पैमाने व वित्तीय आकार के खुलासे ने लोगों को हैरत में डाल दिया. इस मामले की जांच में व्यवसायी बकीबुल की गिरफ्तारी के बाद पहले इडी राशन घोटाला 15 करोड़ का मान रही थी, जांच में मिलने वाले तथ्यों के बाद घोटाले की राशि बढ़कर 100 करोड़ से अब एक हजार करोड़ से भी ज्यादा होती दिखने लगी. अब, तृणमूल नेता शंकर आध्या की गिरफ्तारी के बाद घोटाले का परिमाण 10 हजार करोड़ रुपये होने की आशंका जतायी गयी है.

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