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गणतंत्र दिवस : कर्तव्य पथ पर निकलेगी सभी राज्यों की झांकियां! रक्षा मंत्रालय ने MoU किया साइन

दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों में एक नया मोड़ आया है, जिसमें राज्यों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए परामर्श के बाद एक MoU के तहत कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में झांकियां प्रदर्शित करने का मौका सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलेगा.

Republic Day Parade 2024: दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों में एक नया मोड़ आया है, जिसमें राज्यों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए परामर्श के बाद एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में झांकियां प्रदर्शित करने का मौका सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलेगा. सूत्रों ने मिली इस जानकारी के अनुसार, ऐसा करने के पीछे का कारण यह है कि गणतंत्र दिवस समारोह को और भी रंगीन बनाया जा सके.

राज्यों की झांकियों का प्रदर्शन महत्वपूर्ण हिस्सा

जानकारी हो कि गणतंत्र दिवस के समारोह में भारतीय राज्यों की झांकियों का प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समृद्धि, और भारतीय विरासत का जबरदस्त प्रतीक बनता है. इस अवसर पर सूत्रों के अनुसार, 16 राज्यों ने इस बार एमओयू के तहत हस्ताक्षर किए हैं, जिससे इस समझौते के तहत सभी राज्यों को समान अवसर मिलेगा.

तीन साल की योजना तैयार

यह समझौता एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से हुआ है जिसमें रक्षा मंत्रालय ने राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और तीन साल की योजना तैयार की गई. इस अद्वितीय समझौते के परिणामस्वरूप, आने वाले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान अवसर प्रदान किया गया है.

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इन राज्यों की झांकियां शामिल

इस वर्ष के समारोह में शामिल होने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची शामिल है: आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, और उत्तर प्रदेश. इसके बावजूद, कुछ राज्यों के झांकी का चयन नहीं हुआ है, जिसके बाद कुछ नेताओं द्वारा इसके खिलाफ आलोचना की गई है.

विशेषज्ञ समिति ने चार दौर की बैठकें कर सूची तैयार की

आरोप पर यह कहा गया है कि झांकियों के चयन की प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ समिति ने चार दौर की बैठकें कीं और चयनित राज्यों की सूची तैयार की गई. साथ ही बताया गया कि किसी द्वेष की वजह से उनका चयन ना करने का आरोप गलत है क्योंकि विपक्ष शासित राज्यों में झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, और मेघालय की झांकियां इस साल की परेड के लिए चयनित हुईं हैं. ऐसे में प्रक्रिया के तहत जिन राज्यों की झांकियां आकर्षित और बाकि से बेहतर लगी उनका चयन समिति के द्वारा किया गया है.

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इस साल के दो थीम, ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’

इस वर्ष के समारोह के लिए दो थीमें – ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ के साथ-साथ चयन के दिशानिर्देशों के बारे में राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया गया था. इस विशेष समझौते से साफ होता है कि झांकियों का चयन एक परिप्रेक्ष्य में हुआ है, जिससे सभी राज्यों को समान अवसर मिलने का सार्थक कदम उठाया गया है. इस प्रयास से स्पष्ट हो रहा है कि सरकार ने गणतंत्र दिवस के समारोह को और भी समृद्ध बनाने का निर्णय लिया है, जिससे देशवासियों को सांस्कृतिक एकता का और अधिक अहसास हो सके.

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