जमशेदपुर : मानगो खड़िया बस्ती और बालीगुमा से दो माह में छात्र, बुजुर्ग और एक युवक गायब हो गये, लेकिन अब तक पुलिस किसी का भी पता नहीं लगा सकी है. खड़िया बस्ती से युवक व बुजुर्ग के गायब होने की शिकायत घरवालों ने उलीडीह थाना में की है, जबकि बालीगुमा से गायब छात्र के पिता ने एमजीएम थाना में शिकायत की है. तीनों के घरवाले अब तक इस आस में हैं कि कब वे लौटकर वापस आयेंगे?
बालीगुमा गायत्री होम्स निवासी संजीत कुमार गुप्ता के पुत्र कौशिक कुमार गुप्ता गत 12 दिसंबर से गायब हैं. वह घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकला था, लेकिन वह ट्यूशन नहीं पहुंचा. संजीत कुमार गुप्ता व उसके घरवालों ने कई जगहों पर तलाश की. लेकिन पता नहीं चला अंतत: एमजीएम थाना में कौशिक के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी. करीब एक माह गुजर गये, लेकिन अब तक कौशिक का पता नहीं चल सका है. घरवाले कौशिक के साथ अनहोनी की आशंका जता रहे हैं. संजीत कुमार गुप्ता के अनुसार बेटा के गायब हुये एक माह हो गया. लेकिन पुलिस अबतक उसकी तलाश नहीं कर सकी है. पता नहीं बेटा किस हाल में और कहां होगा? बेटे के गायब होने के बाद से पूरा परिवार उसके लौटने का इंतजार में है.
मानगो खड़िया बस्ती रोड नंबर 5 का विकास कुमार चंद्रवंशी (22 वर्ष) गत आठ अक्तूबर की शाम चार बजे अपनी मोटरसाइकिल (जेएच05 एएल 9383) को लेकर घर से कदमा के लिए निकला था. वह फर्निचर बनाने का काम करता था. रात 11 बजे विकास का घरवालों से बात हुआ ,उसने तुरंत घर लौटने की बात कही. लेकिन आधा घंटा बाद उसका मोबाइल बंद हो गया. उसके बाद से विकास कुमार चंद्रवंशी अबतक घर नहीं लौटा. इस संबंध में विकास के पिता बलदेव चंद्रवंशी ने उलीडीह थाना में बेटे के गुम होने की शिकायत की. तीन माह गुजर जाने के बावजूद अब तक विकास का पता नहीं चल सका है और ना ही उसकी मोटरसाइकिल मिली और ना ही मोबाइल. विकास के भाई रमाकांत चंद्रवंशी ने बताया कि हम तीन भाई में विकास सबसे छोटा है. वह कभी घर से दूर नहीं रहा. लेकिन अभी पिछले तीन माह से उसका कोई अता-पता नहीं है. कितने बार थाना का चक्कर लगाया. लेकिन पुलिस अबतक भाई को तलाश नहीं सकी.
मानगो खड़िया बस्ती रोड नंबर 4 निवासी जगन्नाथ सोय भी पिछले अक्तूबर माह से गायब है. जगन्नाथ सोय ठेला पर इडली- ढोसा बेचते हैं. उन्हें एक बेटा और एक बेटी है. पत्नी भवानी सोय ने बताया कि दुर्गा पूजा विसर्जन के दिन सुबह पति घर से पैदल निकले. उसके बाद घर वापस नहीं लौटे. हमलोगों ने कई जगहों पर तलाश की, लेकिन पता नहीं चला. आज भी इस आस में हूं कि पति सकुशल घर लौट आयें. किराये के घर में रह रही हूं. पति के नहीं रहने पर आर्थिक संकट भी आ गयी है. बेटा किसी तरह इडली बेचकर घर चला रहा है.