पटना. लोकसभा चुनाव को लेकर वैसे तो भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भी सीटों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन नवनिर्मित इंडिया गठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर हो रही देरी पर घटक दल के नेता ही सवाल उठा रहे हैं. घटक दल की सभी पार्टियां अपने तरीकों से इसमें उतरने की तैयारी कर रही है,पर इन दिनों जो चर्चा सबसे तेज है, वह है राजद और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति कैसे बनेगी. अटकलों का दौर जारी है, इसी बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है.
गठबंधन में ऑल इज वेल
तेजस्वी यादव ने कहा है कि भाजपा के लोग पता नहीं किस चश्मे से देखते हैं. मुझे कुछ पता नहीं रहता है. कुछ से कुछ बोलते रहते हैं. महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. सब कुछ पॉजिटिव है और बहुत जल्दी सब कुछ सामने आने वाला है. इसलिए भाजपा के लोग अपनी चिंता करें हमारी चिंता नहीं करें. जिस प्रकार से तेजस्वी यादव ने बयान दिया है उससे तो स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन में ऑल इज वेल है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि चिंता मत कीजिए, सब हो जाएगा.
अपराधियों पर कार्रवाई होगी
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि फुलवारी शरीफ में दलित बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में कानून अपना काम करेगी. इस मामले में निश्चिंत रहिए जो भी अपराधी हैं उनपर जरूर कार्रवाई होगी. पुलिस उनकी लगातार खोज कर रही है. बहुत जल्द पुलिस उसे पता कर लेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. इसको लेकर प्रशासन लगातार काम कर रहा है. असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा के तीन बच्चों वाले बयान पर तेजस्वी यादव ने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस पर हम किसी भी तरह का कमेंट नहीं करेंगे.
होमगार्ड अभ्यर्थियों ने घेरा
पार्टी कार्यालय से निकलते समय सैकड़ों की संख्या में पटना पहुंचे होमगार्ड अभ्यर्थियों ने तेजस्वी यादव को घेरने की कोशिश की. पिछले कई वर्षों से नियुक्ति की राह देख रहे अभ्यर्थी तेजस्वी यादव से जवाब मांगने पहुंचे थे, लेकिन तेजस्वी यादव बिना उनसे मिले वहां से निकल गए. अभ्यर्थी लोगों का कहना था कि वैकेंसी के निकले 12 साल बीत गए लेकिन सफल अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है. नाराज अभ्यर्थियों का कहना था कि जेडीयू और आरजेडी को सिर्फ शिक्षक वोट नहीं देते हैं, बल्कि अन्य लोग भी वोट देते हैं लेकिन उन्हें सिर्फ शिक्षकों की नियुक्ति की ही चिंता है.