पटना समेत बिहार में ठंड के तेवर अब कड़े हो चुके हैं. कड़ाके की ठंड ने बुजुर्गों और बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है. बुजुर्ग ब्रेन हेमरेज, चेस्ट पेन, सांस फूलने, तो बच्चे कोल्ड अटैक, इसमें खासकर कोल्ड डायरिया, सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित हाे रहे हैं. पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस), पीएमसीएच में ब्रेन हेमरेज मरीजों से आइसीयू समेत अन्य बेड फुल हो चुके हैं. आइजीआइएमएस और पीएमसीएच में ब्रेन हेमरेज के 40 मरीज भर्ती हुए हैं. इसमें आइजीआइएमएस के आइसीयू में 30 में से 24 बेड पर ब्रेन हेमरेज के मरीज, जबकि छह पर अन्य विभागों के मरीज हैं. इसी तरह से पीएमसीएच में 16 मरीज ब्रेन हेमरेज के भर्ती हैं. दूसरी ओर शहर के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में 19 मरीज ऐसे भर्ती हैं, जो हार्ट अटैक से पीड़ित हैं. इनका इलाज चल रहा है.
सर्दी के सितम में बच्चे भी लगातार प्रभावित हो रहे हैं. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस के साथ गार्डिनर रोड अस्पताल में बच्चे कोल्ड डायरिया से पीड़ित होकर आ रहे हैं. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस के ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों की संख्या में 150 से 180 बच्चे कोल्ड डायरिया की चपेट में आने के बाद अस्पताल आ रहे हैं. इन दोनों अस्पतालों में करीब 40 बच्चे भर्ती हैं. इसके अलावा गार्डिनर रोड अस्पताल में प्रतिदिन तीन से पांच बच्चे आ रहे हैं. यह बीमारी बच्चों में पांच से सात दिन तक जकड़ रही है. रोजाना दो से अधिक बच्चे भर्ती हो रहे हैं.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल के मुताबिक, प्रतिदिन ब्रेन हेमरेज के 10 से 12 मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. लेकिन, सभी को भर्ती करना संभव नहीं हो रहा है. उन्हीं को भर्ती करना संभव हो रहा है जिनको आइसीयू और एचडीयू की जरूरत नहीं है. बाकी मरीजों को अन्यत्र रेफर करना पड़ रहा है. उन्हाेंने कहा कि इस मौसम में बुजुर्गों को ब्रेन हेमरेज और चेस्ट पेन से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. कमोबेश यही स्थिति पीएमसीएच की भी है.
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उलटी, दस्त, बुखार, बलगम वाली खांसी, ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ
बच्चों को गुनगुना और तरल पदार्थ खिलाएं. मूंग दाल की खिचड़ी, दही सिर्फ दिन में फायदेमंद है, ओआरएस का घोल पिलाएं, ठंडी वस्तुओं के सेवन से बचें.
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आइजीआइसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अमिताभ कुमार ने बताया कि बीपी व शुगर वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसे मरीज धूप होने के बाद ही घर से निकलें, नियमित दवा का सेवन करें. ठंड में बीपी बढ़ जाता है. ऐसे में धड़कन बढ़ जाती है. हृदयाघात, पक्षाघात का खतरा बढ़ जाता है. धूप निकलने के बाद ही टहलें. नियमित शुगर व बीपी की जांच कराएं. चिकित्सकों के संपर्क में रहें.
बता दें कि शनिवार को पटना सहित कुछ इलाकों में सीवियर कोल्ड डे और दक्षिण- पश्चिम बिहार के बक्सर में सीवियर कोल्ड डे और भोजपुर ,रोहतास,भभुआ व औरंगाबाद में कड़ाके की ठंड रही. पटना में श्रीनगर और देहरादून से भी अधिक ठंड पड़ी है. कभी गया तो कभी बांका का तापमान 5 डिग्री से नीचे गिरा है .ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.