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बिहार में दे रहे हैं जमीन की जमाबंदी तो करवा लें आधार से लिंक, नहीं तो हो जायेगा खाता लॉक

जमीन की जमाबंदी को आधार से लिंक करवा लिया हैं और मोबाइल नंबर से उसे जुड़वा लिया है, तो ठीक है. ऐसा नहीं है, तो एक माह के अंदर अपनी सभी जमाबंदी को आधार से लिंक करवा लें. इसके बाद आपकी जमाबंदी को अंचल कार्यालय द्वारा लॉक कर दिया जायेगा.

चेनारी. अगर आपने अपनी जमीन की जमाबंदी को आधार से लिंक करवा लिया हैं और मोबाइल नंबर से उसे जुड़वा लिया है, तो ठीक है. ऐसा नहीं है, तो एक माह के अंदर अपनी सभी जमाबंदी को आधार से लिंक करवा लें. इसके बाद आपकी जमाबंदी को अंचल कार्यालय द्वारा लॉक कर दिया जायेगा.

जमीन लेने देने में आ सकती है परेशानी

जमाबंदी लॉक होने पर भविष्य में आपको जमीन बेचने-खरीदने में परेशानी हो सकती है. साथ ही किसी भी तरह का सुधार करना भी मुश्किल हो जायेगा. वहीं, आधार और मोबाइल से लिंक होने पर जमीन की सभी गतिविधियों की मोबाइल पर सारी जानकारी मिलती रहेगी. इससे जमीन संबंधी मामलों में धोखाधड़ी रुकेगी.

एसएमएस के माध्यम से आपको अलर्ट मिलेगा

जानकारी के अनुसार जमाबंदी में जमीन में किसी तरह के बदलाव को लेकर एसएमएस के माध्यम से आपको अलर्ट मिलेगा. जमाबंदी में किसी भी तरह के बदलाव की सूचना आपको एसएमएस से दी जायेगी. सही नहीं रहने पर आप तुंरत इसकी शिकायत अंचल कार्यालय को कर सकते हैंं. इसके बाद दाखिल खारिज नहीं हो सकेगा. इससे आप धोखाधड़ी से बच जायेंगे. इसके लिए अंचल कार्यालयों में सीओ व सर्किल इंसपेक्टर के माध्यम से जमाबंदी को लिंक करने का काम तेजी से चल रहा है.

लगान से संबंधित जानकारी भी दी जायेगी

लगान से संबंधित जानकारी भी दी जायेगी. संबंधित सीओ निशांत कुमार लगातार रैयतों से जमाबंदी को लिंक करवाने की अपील कर रहे हैं. साथ ही गांवों में कैंप लगाकर इसे लिंक करने का काम चल रहा है. पहले आप जमाबंदी को आधार से लिंक करवा लें. इसके बाद उसमें अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवा लें. लिंक होने पर लगान संबंधित जानकारी भी आपको मोबाइल पर मिलती रहेगी.

जमाबंदी रैयत की हो गयी हो मृत्यु, तो करें ये काम

जमाबंदी पंजी को आधार कार्ड से लिंक करने में सबसे बड़ी परेशानी इस बात की है कि अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे जमाबंदी उपलब्ध हैं, जिसके रैयत की मृत्यु हो चुकी है. बावजूद उनके नाम से ही मालगुजारी रसीद कट रही है. ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा उस जमाबंदी खाताधारक की पंजी को उसके सबसे नजदीकी रिश्तेदार (परिजन) का आधार कार्ड से लिंक किया जायेगा. हालांकि, इसके पहले उस रैयत को वंशावली समेत कई तरह की प्रक्रिया से गुजरना होगा.

भूमाफियाओं पर कसेगा नकेल

लिंक वाली जमाबंदी में जमीन मामले में धोखाधड़ी नहीं होगी. बिहार सरकार ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है. भूमि विवाद पर अंकुश लगाने के लिए अंचल कार्यालय ने विशेष अभियान शुरू किया है. जमाबंदी को आधार से लिंक कराने के बाद कोई व्यक्ति फर्जी रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा. जमाबंदी के लिए मोबाइल नंबर भी अनिवार्य कर दिया गया है.

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जमाबंदी के लिए ऐसे करवाएं लिंक

भूस्वामी स्थानीय राजस्व कर्मचारी से मिलें. उन्हें जमीन लगान की रसीद, आधार कार्ड व मोबाइल नंबर दें. इसके बाद राजस्व कर्मचारी जमाबंदी को लिंक कर सारा नंबर ऑनलाइन कर देंगे. लिंक होने की जानकारी भी आपको 10 दिनों में मोबाइल नंबर पर भेज दी जायेगी. दतौली गांव में राजस्व कर्मचारी अभय सिंह पहुंचे. वहां लोगों से मिलकर जमाबंदी के लिए आधार नंबर व मोबाइल नंबर लिये. गांव के लोगों को इसके फायदे भी बताये.

क्या कहते हैं अधिकारी

चेनारी के सीओ निशांत कुमार ने कहा कि सभी जमीन मालिकों को लगातार आगाह किया जा रहा है. अंचल कार्यालय में आकर भी रैयत कागजात संबंधित अधिकारी को दे सकते हैं. एक माह तक यह अभियान मिशन मोड में चलेगा. इसके बाद जमाबंदी को लॉक कर दिया जायेगा. लॉक होने पर रैयत सिर्फ रसीद कटवा सकते हैं. सुधार, बिक्री या अन्य काम के लिए उन्हें परेशानी होगी. इसलिए लिंक करा लें.

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