15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: आदिवासी एकता महारैली चार फरवरी को, विशेष आयोजन समिति की घोषणा, इन्हें मिली अहम जिम्मेदारी

पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय को तोड़कर आपस में लड़ाने और समूचे आदिवासियों को खत्म करने के लिए बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं. आदिवासी समुदाय को इससे सावधान रहने की जरूरत है. ये वही ताकतें हैं जो आदिवासी समुदाय का भला कभी नहीं चाहती हैं.

रांची: मोरहाबादी मैदान में 4 फरवरी 2024 को आदिवासी एकता महारैली आयोजित की गयी है. इसे लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन संगम गार्डेन में किया गया. इस बैठक में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए आदिवासी मुद्दों के विशेषज्ञों, आंदोलनकारियों, विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभायी. इसमें भाजपा व आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियां और आदिवासियों को आपस में लड़ाने के षडयंत्र पर गंभीरता पूर्वक चर्चा की गयी. यूनिफॉर्म सिविल कोड, वन संरक्षण अधिनियम 2023, प्रकृति पूजक आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड, आदिवासी समुदाय की घटती जनसंख्या, आदिवासी जमीन की लूट-खसोट,आदिवासियों के प्रदत्त संवैधानिक हक-अधिकारों पर लगातार हमला, आदिवासी समुदाय के परंपरागत कानून, पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून, आदिवासी समुदाय की सामाजिक एकता तोड़ने की साज़िश, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की भूमि बैंक को रद्द करने जैसे गंभीर विषयों पर विमर्श हुई. इस कार्यशाला में आदिवासी सवालों को केंद्र, राज्य सरकारों और आदिवासी जन समुदायों के बीच गंभीरता से उठाने के लिए आदिवासी मुद्दे के लिए दस्तावेज बनाया गया. 19 जनवरी 2024 को इस कार्यशाला में उपस्थित लोगों के द्वारा स्वीकृत दस्तावेज को भारत सरकार/राज्य सरकार और आदिवासी समुदाय के लिए जारी किया जाएगा. पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय को तोड़कर आपस में लड़ाने और समूचे आदिवासियों को खत्म करने के लिए बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं. आदिवासी समुदाय को इससे सावधान रहने की जरूरत है.

राज्य स्तरीय विशेष आयोजन समिति की घोषणा

4 फरवरी 2024 की आदिवासी एकता महारैली की तैयारी के लिए राज्य स्तरीय विशेष आयोजन समिति की घोषणा की गई. इस राज्य स्तरीय विशेष आयोजन समिति में सदस्यों में लक्ष्मीनारायण मुंडा, अजय तिर्की, शिवा कच्छप, एलएम उरांव, रतन तिर्की, राधा उरांव, जगदीश लोहरा, अमर उरांव, शिव उरांव, भौआ उरांव, हरिनारायण महली, तुलेश्वर उरांव, सुशील ओड़ेया, गोविंदा टोप्पो, विल्सन टोपनो, महेश बेक, जानसन मिंज, हरिकुमार भगत को रखा गया है. इसके लिए केंद्रीय स्तर पर प्रभाकर तिर्की, दयामनी बारला, लक्ष्मीनारायण मुंडा को प्रवक्ता बनाया गया है. इस विशेष आयोजन समिति को महारैली के लिए राज्यभर में व्यापक प्रचार- प्रसार और तैयारी की जिम्मेदारी दी गई है.

Also Read: झारखंड: कॉमरेड महेंद्र सिंह के शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर निकला मशाल जुलूस, लाल झंडे से पटा इलाका

आदिवासी समुदाय को सावधान रहने की जरूरत

पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय को तोड़कर आपस में लड़ाने और समूचे आदिवासियों को खत्म करने के लिए बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं. आदिवासी समुदाय को इससे सावधान रहने की जरूरत है. ये वही ताकतें हैं जो आदिवासी समुदाय का भला कभी नहीं चाहती हैं. आदिवासी एकता महारैली के संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि अब आदिवासियों का अस्तित्व व पहचान खत्म करने और बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए जमीन लूटने के लिए षडयंत्र हो रहा है. आदिवासियों को तोड़ने और बरगलाने की राजनीति हो रही है. विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि इस कार्यशाला में आदिवासी समुदाय के सभी बुनियादी सवालों को सामने लाना चाहिए और हमारे समाज के राजनीतिक हितों के विरोधियों की पहचानने की जरूरत है.

Also Read: Ayodhya Ram Mandir: सीएम हेमंत सोरेन को सांसद संजय सेठ ने लिखा पत्र, 22 जनवरी को झारखंड में हो राजकीय अवकाश

आदिवासी एजेंडा घोषित करना चाहिए

दयामनी बारला ने कहा कि आदिवासी समाज जल, जंगल जमीन और अपनी परंपरागत नैसर्गिक अधिकारों को हासिल करने के लिए कुर्बानी देता आया है. प्रभाकर तिर्की ने कहा कि सभी कॉरपोरेट पूंजीपति वर्ग के हाथों सरकारें और राज्य मशीनरी खेल रही है. आदिवासी समुदाय की दुर्दशा का कारण यही है. वासवी किड़ो ने कहा कि बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियों को भी आदिवासी एजेंडा घोषित करना चाहिए. प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज अपने संघर्षों के दम पर संवैधानिक हक-अधिकार हासिल किया है. प्रो जगदीश लोहरा ने कहा कि आदिवासी समुदाय के संवैधानिक हक-अधिकारों पर लगातार हमले जारी हैं. इनके अलावा शिवा कच्छप, वाल्टर कंडुलना, हरिनारायण महली, जयराम उरांव, भौआ उरांव, राधा उरांव, एलएम उरांव, सुशील ओड़ेया सहित अन्य प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे.

Also Read: पीएम नरेंद्र मोदी ने झारखंड की आदिम जनजाति महिला से की बात, बोले-इस बार पक्के घर में मनेगी दीपावली

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें