Bihar Road Accident: बांका के पंजवारा-धोरैया मुख्य मार्ग पर चलना मोड़ के समीप लक्ष्मीनिया पुल से गिरकर एक बाइक सवार दंपती की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मृतक पंजवारा थाना क्षेत्र के सिमरिया गांव निवासी रंजीत दास व काजल देवी हैं. दोनों की शादी एक माह पूर्व 14 दिसंबर 2023 को हुई थी.वहीं नवदंपति की मौत से एकसाथ दो घरों में मातम पसरा है. रंजीत अपनी पत्नी काजल के साथ गोड्डा पथरगामा के हिलावे स्थित ससुराल से देर रात अपने घर वापस लौट रहे थे लेकिन बीच रास्ते में सड़क हादसे में दोनों की मौत हो गयी.
जानकारी के अनुसार, रंजीत अपनी पत्नी को बाइक पर बिठाकर झारखंड के गोड्डा पथरगामा स्थित अपने ससुराल हिलावे से वापस अपने घर लौट रहा था. इसी दौरान देर रात रास्ते में ही उनकी बाइक अनियंत्रित हुई और लक्ष्मीनिया पुल के नीचे बाइक लेकर दोनों गिर गये. जिससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. देर रात वापस घर नहीं पहुंचने पर परिजन उसकी खोजबीन करने के लिए निकले. बताया जाता है कि देर रात ढूंढ़ते-ढूंढ़ते परिजनों को दोनों का शव लक्ष्मीनिया पुल के नीचे मिला.
वहीं घटना की सूचना मिलने पर अहले सुबह धोरैया थानाध्यक्ष अशोक कुमार के निर्देश पर अवर निरीक्षक सोनाक्षी कुमारी दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं. मामले की तहकीकात की. बताया जाता है कि मृतक के भाई अवध किशोर ने थाना को लिखित आवेदन दिया कि मृतक रंजीत बाइक चलाना नहीं जानता था. इस कारण यह दुर्घटना घटित हुई, इसमें किसी का कोई दोष नहीं है.
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थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि थाना में केस किये जाने की बात से भी परिजनों ने इनकार किया. लिखित आवेदन थाना में दिये जाने के बाद परिजन दोनों के शव को लेकर अपने घर चले गये.
बाइक सवार दंपती की मौत के बाद पंजवारा के सिमरिया व झारखंड गोड्डा के पथरगामा थाना क्षेत्र के हिलावे गांव में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. बतादें कि सिमरिया गांव निवासी रंजीत दास व उसकी पत्नी काजल देवी की मौत लक्ष्मीनिया पुल के नीचे गिरकर हो गयी. गत 14 दिसंबर को ही रंजीत की शादी हुई थी. शादी के एक माह तीन दिन बाद ही दंपती की मौत से परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है. मृतक रंजीत के घर सिमरिया व मृतका काजल के घर हिलावे में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजन सदमे में हैं कि होनी को क्या मंजूर था. कितने अरमान लिए हिलावे गांव निवासी दिनेश दास ने अपनी पुत्री के हाथ सिमरिया गांव निवासी रघुनंदन दास के पुत्र रंजीत के साथ पीले किये थे. अग्नि के सात फेरे लेते वक्त दोनों ने साथ जीने की कसमें खायीं. लेकिन विधाता ने साथ मरना भी लिख दिया था. मृतक रंजीत अपने तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था. वह चेन्नई में प्राइवेट कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर था.