EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि ने आधार कार्ड से जुड़ा बड़ा अपडेट जारी किया है. ईपीएफओ में अब आधार कार्ड पर लिखा हुआ जन्मतिथि मान्य नहीं होगा. भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ईपीएफओ ने एक सर्कुलर जारी करके ये घोषणा की है. इस निर्णय को केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) की मंजूरी भी मिल गयी है. सर्कुलर में कहा गया है कि आधार कार्ड का इस्तेमाल करके अब जन्मतिथि में बदलाव नहीं किया जा सकेगा. आधार कार्ड किसी भी व्यक्ति का एक विशिष्ठ पहचान पत्र है. मगर, आधार अधिनियम, 2016 के अनुसार जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में इसे मान्यता दस्तावेज की मान्यता नहीं दी गयी है. इसमें कहा गया है कि यूआईडीएआई ने इस बात पर जोर दिया कि आधार पहचान का प्रमाण है, जन्म का प्रमाण नहीं. बता दें कि आधार नंबर सरकार के UIDAI प्राधिकरण के द्वारा जारी किया जाता है. ये 12 अंकों का एक यूनिक पहचान पत्र है. यह पूरे देश में आपकी पहचान और स्थायी निवास के सबूत के तौर पर मान्य है.
UIDAI से मिला था निर्देश
यूआईडीएआई के निर्देश के तहत, ईपीएफओ ने जन्मतिथि में सुधार के लिए आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से हटा दिया है. सर्कुलर में कहा गया है कि आधार को हटाना पहले जारी संयुक्त घोषणा एसओपी के अनुलग्नक-1 की तालिका-बी से संबंधित है. दिशानिर्देशों के अनुरूप ईपीएफओ के एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन किया जाएगा. साथ ही, इंटरनल सिस्टम डिविजन (आईएसडी) में भी जरूरी बदलाव किया जाएगा. ईपीएफओ ने अपने सभी जोनल और क्षेत्रीय कार्यालयों को नयी दिशानिर्देशों का पालन करने का भी निर्देश दिया है. बता दें कि हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि आधार को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता है. हालांकि, आधार कार्ड अभी ईपीएफओ में पहचान पत्र और आवास प्रमाण पत्र के रुप में मान्य होगा.
यहां वे दस्तावेज हैं जो ईपीएफओ के लिए जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्य हैं
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जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र.
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किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या यूनिवर्सिटी द्वारा जारी मार्कशीट.
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स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (SLC)/स्कूल स्थानांतरण प्रमाणपत्र (TC)/एसएससी प्रमाणपत्र जिसमें नाम और जन्म तिथि शामिल हो.
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सेवा रिकॉर्ड के आधार पर प्रमाण पत्र.
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पैन कार्ड.
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केंद्रीय/राज्य पेंशन भुगतान आदेश.
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सरकार द्वारा जारी किया गया डोमिसाइल सर्टिफिकेट.
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सदस्य की चिकित्सकीय जांच के बाद सिविल सर्जन द्वारा जारी किया गया मेडिकल प्रमाण पत्र और सक्षम न्यायालय द्वारा विधिवत प्रमाणित सदस्य द्वारा शपथ पर शपथ पत्र के साथ समर्थित.
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