केंद्र के संपदा निदेशालय (डीओई) ने लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड महिला सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को सरकारी आवास खाली करने के मामले में फिर झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. 16 जनवरी को डीओआई ने महुआ को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था. तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली. खबर है कि महुआ मामले की सुनवाई गुरुवार या शुक्रवार के दूसरे पहर में होने की संभावना है. 8 जनवरी को डीओई ने महुआ को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर बंगला खाली करने को कहा, क्योंकि उन्होंने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है.
कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद भी महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली नहीं किया. पिछले मंगलवार को केंद्र के डीओई ने उन्हें नोटिस भेजकर बंगला खाली करने को कहा था. डीओई की ओर से मंगलवार को महुआ मोइत्रा को इसकी जानकारी दी गयी. नोटिस में कहा गया है कि बंगला खाली करने के लिए जरूरत पड़ने पर वे जबरदस्ती भी कर सकते हैं. पूर्व सांसद को भेजे गए नोटिस की शब्दावली से स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठता है कि क्या डीओई महुआ से बंगला खाली कराने के लिए दबाव का रास्ता अपना सकती है?
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आठ दिसंबर को महुआ मोइत्रा का सांसद पद बर्खास्त कर दिया गया था. उन्हें सात जनवरी तक दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, महुआ मोइत्रा ने ऐसा नहीं किया. आठ जनवरी को डीओई ने महुआ को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर बंगला खाली करने को कहा, क्योंकि उन्होंने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है. इसके बाद निलंबित तृणमूल सांसद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के मुताबिक, महुआ मोइत्रा को डीओई में अपील करनी होगी. इस बीच, मंगलवार को फिर से महुआ को डीओई का नोटिस गया. महुआ मोइत्रा ने उसे चुनौती देते हुए फिर से अदालत का रुख किया है.
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