झारखंड हाइकोर्ट ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन सहित विजय हांसदा प्रकरण में जारी सीबीआइ जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है. राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने यह आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी को होगी. राज्य सरकार ने क्रिमिनल रिट दायर कर न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी. न्यायाधीश संजय द्विवेदी की अदालत ने विजय हांसदा बनाम राज्य सरकार के मामले की सुनवाई के बाद 18 अगस्त 2023 को विजय हांसदा द्वारा बोरियो थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सीबीआइ जांच के आदेश दिये थे. अदालत ने इस मामले में विजय हांसदा की भूमिका की भी जांच करने को कहा था. न्यायालय के इस आदेश के आलोक में सीबीआइ ने विजय हांसदा द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को ‘आरसी’ के रूप में दर्ज किया और जांच शुरू की. राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने की मांग की. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से 23 दिसंबर को याचिका दायर की गयी थी. सरकार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई शुक्रवार को न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में हुई.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, राज्य के महाधिवक्ता राजेश रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने दलील दी. वहीं, अनिल कुमार ने सीबीआइ का पक्ष रखा. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच को नियम विरुद्ध बताया गया. सरकार की ओर यह दलील पेश की गयी कि ‘दिल्ली पुलिस स्टैब्लिशमेंट एक्ट की धारा-6’ के तहत सीबीआइ को किसी मामले में जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है. राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में जारी किये गये उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें सीबीआइ को राज्य में सरकार की अनुमति के बिना ही जांच करने का अधिकार दिया गया था. विजय हांसदा द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की जांच के लिए सीबीआइ ने राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली है. अत: सीबीआइ जांच नियम सम्मत नहीं है.
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