पटना. राज्य में गंगा नदी पर सुल्तानगंज-अगवानी घाट पुल का निर्माण एक बार फिर से फरवरी से शुरू होने की संभावना है. इसकी तैयारी चल रही है. फिलहाल पुल के गिरे हिस्से के मलबे को हटाया जायेगा. साथ ही पहले से कार्यरत निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला पुल के गिरे हिस्से का निर्माण अपने खर्च पर करेगी. इसके लिए वह सरकार से कोई अतिरिक्त राशि नहीं लेगी. इस पुल को मजबूत, टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनाने के लिए इसकी पुरानी डिजाइन की जगह नयी डिजाइन का इस्तेमाल होगा. पहले यह पुल इसी साल 2024 में बनाने की समय- सीमा थी. अब इसका निर्माण 2026 तक होने की संभावना है.
पुल के तीन स्पैन गिर जाने के बाद बंद है काम
सूत्रों के अनुसार इस पुल का निर्माण चल रहा था, लेकिन इसका तीन स्पैन चार जून , 2023 को गिर गये थे. इस दुर्घटना के बाद काम बंद हो गया था. यह मामला कोर्ट गया था. इस संबंध में पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद 14 सितंबर, 2023 को आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि पुल के गिरे हिस्से का निर्माण एसपी सिंगला अपने खर्च पर करेगी. इसके लिए वह सरकार से कोई अतिरिक्त राशि नहीं लेगी. इससे पहले एसपी सिंगला की तरफ से हलफनामा दायर कर कोर्ट को जानकारी दी गयी थी कि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से के निर्माण का खर्च उठाने के लिए कंपनी तैयार है.
सीएम नीतीश ने 23 फरवरी, 2014 को रखी थी आधारशिला
इस पुल की आधारशिला 23 फरवरी , 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी. साथ ही नौ मार्च, 2015 को कार्यारंभ किया गया था. ऐसे में करीब 10 साल बाद भी यह पुल नहीं बन सका है. इस पुल की लागत करीब 1710 करोड़ रुपये है. यह पुल करीब 3.160 किमी लंबाई में बन रहा है. इसमें खगड़िया की ओर से करीब 16 किमी और सुल्तानगंज की ओर से करीब चार किमी लंबाई में एप्रोच रोड भी बन रहा है. ऐसे में एप्रोच सहित पुल की लंबाई करीब 23.1 किमी है.
यह होगा फायदा
उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले इस पुल के बनने से उत्तर बिहार का सीधा संपर्क मिर्जा चौकी के माध्यम से झारखंड से हो जायेगा. इसके साथ ही विक्रमशिला सेतु पर भी गाड़ियों का दबाव कम होगा. श्रावणी मेला के दौरान कांवड़ियों को खगड़िया से भागलपुर आने के लिए करीब 90 किमी की दूरी की जगह केवल 30 किमी का सफर तय करना होगा.