आंवला सर्दी के मौसम के लिए किसी औषधि से कम नहीं माना जाता. आंवला ऐसा फल है जो हमारी स्किन और बाल से लेकर शरीर को अंदरूनी रूप से मजबूत बनाता है. मान्यता है कि प्रतिदिन एक आंवला का सेवन व्यक्ति को सेहतमंद रखता है. सर्दी के मौसम में इम्युनिटी कमजोर पड़ने की वजह से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए. इसे ह्यूमन बॉडी में आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी व ए की पूर्ति होती है. डायबिटीज, डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स, मेंटल हेल्थ, आंख और हृदय के लिए भी इसे बेहतर माना जाता है.
आंवला डायबिटीज को कंट्रोल करता है. यह विटामिन सी का एक बेहतर सोर्स होने से घरेलू उपचार के रूप में काम आता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने से इसके सेवन से डायबिटीज की बीमारी की संभावना कम होती है. आंवला में पाया जाने वाला फाइबर एडिशनल शुगर को भी ऑब्जर्व करता है. यह ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है. कई रिसर्च में भी यह सिद्ध हो चुका है कि आंवला टाइप टू डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है.
आंवला में विटामिन ए पाया जाता है, जो विजन सुधारता है. आंवला आंख की रोशनी के लिए औषधि के समान होता है. इसके सेवन से चश्मा लगने की संभावना कम होती है. इसके सेवन से बढ़ती उम्र के साथ आंखों की विभिन्न बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
आंवला स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को विभिन्न प्रकार की बीमारियों व एलर्जी से बचाते हैं. आंवले का प्रतिदिन सेवन करने से स्किन में चमक आती है. आंवले को प्राकृतिक रक्तशोधक माना जाता है। इसमें प्राकृतिक तरीके से ब्लड प्यूरिफाईंग गुण होता है. इससे रक्त की अशुद्धियां दूर होती हैं। इसका असर स्किन की सेहत के रूप में भी दिखता है. भविष्य में विभिन्न तरह की एलर्जी होने की संभावना को आंवला कम करता है.
आंवले को बालों के लिए टॉनिक के समान माना जाता है. बालों के विकास के लिए आंवले के तेल का उपयोग किया जाता है. इससे नियमित रूप से बालों की मालिश की जानी चाहिए. इससे बाल जड़ से मजबूत होते हैं. आंवले में पाया जाने वाला विटामिन सी बालों के विकास के लिए जरूरी होता है. यह डैंड्रफ की समस्या से भी बचाता है. डेड सेल्स को यह हटाने का काम करता है और बालों की जड़ कमजोर नहीं होती. आंवले की एक खासियत यह है कि यह शरीर में पित्त की अधिकता को कम करता है. इससे बाल असमय सफेद होने से बचते हैं.
आंवला डाइमेंशिया के मरीजों के इलाज में काफी लाभदायक सिद्ध होता है. रिसर्च में यह सामन आया है कि आंवला ब्रेन के सेल्स को क्षति से बचाते हैं. इससे ब्रेन सेल्स मजबूत होते हैं. इससे याददाश्त तेज होती है. बच्चों को आंवले का सेवन नियमित रूप से कराना चाहिए. यह उनके मेमोरी पावर को बूस्ट करता है.
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आंवले में एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम मिलता है, जो हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है.
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आंवले का जूस पीने से ब्लडप्रेशर की संभावना कम होती है.
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आंवले में पाया जाना वाला फाइबर कब्ज में राहत दिलाता है. इससे पाचन भी दुरुस्त होता है.
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आंवले को याददाश्त बढ़ाने में कारगर माना जाता है. यह ब्रेन के सेल्स को स्ट्रांग बनाता है.
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आंवला टाइप टू डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है.
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आधा चम्मच आंवला पाउडर गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। साथ ही आंवला कैंडी के रूप में भी इसका सेवन किया जाता है.
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अगर आप आंवले का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं तो पेट खराब हो सकता है. दस्त और पेट से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं.
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आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है. इसमें विटामिन सी की ज्यादा मात्रा अम्लीय हो सकती है.
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यह एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्रिक अल्सर या संवेदनशील पेट वालों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
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आंवले में ऑक्सलेट भी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो किडनी में स्टोन बना सकता है.
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कुछ लोगों को आंवले के सेवन से एलर्जी भी हो सकती है. उन्हें खुजली, सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इन लोगों को आंवला नहीं खाना चाहिए.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.