बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल किया और राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए. शिक्षा मंत्री के पद से प्रो चंद्रशेखर भी हटा दिए गए. उन्हें गन्ना विभाग की कमान अब थमाई गयी है. करीब 17 महीने तक चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री बने रहे. इस दौरान वो लगातार सुर्खियों में बने रहे. अपने बयानों के कारण प्रो. चंद्रशेखर विवादों में घिरे रहे. रामायण और भगवान राम को लेकर दिये बयानों से वो घिरे रहे. वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक से भी उनका टकराव रहा. जबकि पिछले एक डेढ़ महीने से नियमित रूप से वो विभाग भी नहीं आ रहे थे. वो अपने विभाग से कटे-कटे ही रह रहे थे. इस बीच शनिवार को देर शाम मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की तरफ से यह जानकारी जारी की गयी कि चंद्रशेखर समेत तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए हैं.
शनिवार को सीएम नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल में हुए फेरबदल के बाद अब शिक्षा विभाग की कमान राजद नेता आलोक कुमार मेहता को दी गई है. उनके पास पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी थी. अब वो शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवा देंगे. मंत्रीमंडल में फेरबदल की खबर जंगल में आग की तरह शनिवार को फैली और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी चर्चा गरम रही. इन तीन नामों में सबसे अधिक प्रो. चंद्रशेखर ही सुर्खियों में रहे. जिनका कार्यकाल कई विवादों में घिरा रहा.
मधेपुरा से राजद के विधायक रहे प्रो चंद्रशेखर को राजद के साथ बनी नयी सरकार में अगस्त, 2022 में शिक्षा विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी थी. वे करीब 17 महीने शिक्षा विभाग के मंत्री रहे. उन्होंने पद संभालने के बाद से ही विवादित बयान देना शुरू कर दिया था. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 12 जनवरी, 2023 को प्रो चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरित मानस नफरती और जहरीला है. उनके इस बयान की जदयू ने भी आलोचना की थी और उसे प्रो चंद्रशेखर का निजी बयान करार दिया था.
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14 सितंबर, 2023 को हिंदी दिवस पर बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जबतक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे. मंत्री ने रामचरितमानस के अरण्य कांड की चौपाई पूजहि विप्र सकल गुण हीना-शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा को लेकर कहा कि इसें जाति को लेकर विवादित बातें कही गयी है. यह भी कहा था कि इन चीजों का विरोध डा राम मनोहर लोहिया और नागार्जुन ने भी किया था.
हाल में ही शिक्षा मंत्री रहते हुए चंद्रशेखर ने मंदिर के रास्ते को मानसिक गुलामी का रास्ता बताया. उन्होंने एक पोस्टर से छिड़े विवाद का जिकक्र करते हुए कहा कि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है. भगवान के लिए जो स्थल निर्धारित किया गया है वो शोषण का स्थल है. वहीं एक कार्यक्रम में मंच से उन्होंने कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं करेगा. वह जवाब देगा. आहूति लेना वह जानता है. जुर्रत की तो याद रखना, बहुजनों के पसीने से इतना बड़ा समुद्र बनेगा कि तुम सात समंदर पार नजर आओगे.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के साथ भी उनके विवाद की खबरें आ रही थीं. इसे लेकर केके पाठक की नाराजगी और पिछले दिनों 31 जनवरी तक छुट्टी पर भी चले जाने की बातें सामने आयी थीं. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद एक दिन पहले शुक्रवार को केके पाठक ने अपनी छुट्टी स्थगित कर फिर से अपना कार्यभार संभाल लिया था. बता दें कि के के पाठक से उनका टकराव पूर्व में हो चुका था. दोनों के बीच का विवाद इतना अधिक हो चुका था कि खुद सीएम नीतीश कुमार ने दोनों को बुलाकर बातचीत की थी. वहीं शिक्षा मंत्री काफी दिनों तक दफ्तर नहीं आए थे. इधर, के के पाठक हाल में छुट्टी पर गए तो चंद्रशेखर ने उनके इस्तीफे की पुष्टि कर दी थी और अपने साथ सही तालमेल नहीं होने की वजह इस इस्तीफे के पीछे बतायी थी.
शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर करीब पिछले डेढ से दो महीने से विभाग नियमित रूप से नहीं आ रहे थे. विभाग के अपर मुख्य सचिव से हुए टकराव के बाद से ही वे कटे कटे से थे. बिहार शिक्षा परियोजना स्थित अपने कक्ष में अक्सर पहुंचते थे. वहीं से ही सारा कामकाज निबटाया जा रहा था.
गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार ने अपने मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल किया है. शिक्षा मंत्री के पद से प्रो चंद्रशेखर हटा दिये गये हैं. उन्हें गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बना दिया गया है. इसके साथ ही नये शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी आलोक कुमार मेहता को दी गई है. साथ ही आलोक कुमार मेहता से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी हटा ली गई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नये मंत्री अब ललित कुमार यादव बनाये गये हैं. उनके पास पहले से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग है. इस तरह ललित कुमार यादव अब राजस्व एवं भूमि सुधार सहित लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के बतौर मंत्री कार्यभार देखेंगे.