Ayodhya Ram Mandir: आज से सिर्फ 2 दिनों बाद यानी 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. लेकिन इन सब के बीच सोशल मीडिया पर गूगल मैप का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसके सहारे यह दावा किया जा रहा है कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, वहां से करीब 3 किलोमीटर दूर राम मंदिर बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि गूगल मैप एक सॉफ्टवेयर है, जो लोकेशन की जानकारी देता है. यह गूगल का अपना खुद का सॉफ्टवेयर है. यह ऐप एक लोकेशन नेविगेशन में काफी मदद करता है. लेकिन कुछ लोग अब गूगल मैप का स्क्रीनसॉट लेकर सोशल मीडिया पर दावा कर रहे हैं कि राम मंदिर का निर्माण बाबरी मस्जिद की जगह नहीं बल्कि उससे 3 किलोमीटर दूर हो रहा है. इस दावे को आगे बढ़ाते हुए कहा जा रहा है कि जब विवादित स्थल से तीन किलोमीटर दूर राम मंदिर का निर्माण करना था, तो फिर बाबरी मस्जिद क्यों गिराई गई थी.
X (पुराना नाम ट्विटर) पर एक यूर ने वायरल स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा, “ गूगल मैप उन 2 विशिष्ट स्थलों को दिखाता है जहां कभी बाबरी मस्जिद थी और जहां राम मंदिर का निर्माण किया गया है. तो ऐसा लगता है कि आखिरकार मंदिर वहीं नहीं बनाया गया.” वहीं शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने भी एक बयान में कहा, “जहां हम मंदिर बनाने की बात कर रहे थे, वहां मंदिर नहीं बना है. वह डिस्प्यूटेड प्लेस (विवादित स्थल) आज भी वैसा ही है. मंदिर वहां से तीन किलोमीटर दूर बना है.” संजय राउत के इस बयान को हरियाणा कांग्रेस नेता विकास बंसल ने एक्स पोस्ट के जरिये शेयर किया है.
Also Read: Samsung Galaxy S24 Ulta vs Iphone 15 Pro Max: दोनों में से कौन सा स्मार्टफोन है ज्यादा स्मार्टहमने वायरल स्क्रीनशॉट के साथ किये जा रहे दावे का सच जानने के लिए सबसे पहले दोनों स्थानों को गूगल मैप पर खोजा, तो इसमें एक स्थान ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ के रूप में स्पष्ट दिखाई देता है, जबकि दूसरे स्थान पर सीता-राम बिरला मंदिर मौजूद है. इसी स्थान को ‘बाबर मस्जिद’ के तौर पर मार्क किया गया है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि मैप पर जो आकृति दिखाई देती है, वह सीता-राम बिरला मंदिर के बिल्कुल समान है. इसकी पुष्टि गूगल अर्थ मैप पर भी होती है. वहीं, ‘बाबर मस्जिद’ के निशान के बारे में सर्च करने पर हमें बाबरी मस्जिद की एक पुरानी तस्वीर मिलती है, जो उस स्थान की गूगल सैटेलाइट इमेज की वास्तविक तस्वीर से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है. इससे पता चलता है कि सीता-राम मंदिर पर ही मस्जिद को मार्क किया गया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस रिपोर्ट की पड़ताल लॉजिक्ली फैक्टस पर छपी थी. लॉजिक्ली फैक्टस एक वेबसाइट है, जो वायरल फैक्ट के की पड़ताल करता है.
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