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बिहार में गरीब परिवारों को आर्थिक मदद करेगा उद्योग विभाग, जल्द मांगेगा ऑनलाइन आवेदन

चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 250 करोड़ और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सांकेतिक तौर पर 1000 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. यह समूची राशि बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत खर्च की जायेगी. बिहार लघु उद्यमी योजना राज्य में बेरोजगारी दर में कमी लाने के मकसद से लागू की गयी है.

पटना. राज्य में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए उद्योग विभाग ने एक प्रारंभिक रणनीति तैयार कर ली है. उद्योग विभाग ने गरीबों को रोजगार दिलाने के लिए तत्काल 1250 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिये हैं. इसमें चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 250 करोड़ और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सांकेतिक तौर पर 1000 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. यह समूची राशि बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत खर्च की जायेगी. बिहार लघु उद्यमी योजना राज्य में बेरोजगारी दर में कमी लाने के मकसद से लागू की गयी है. उद्योग विभाग ने इस संदर्भ में संकल्प जारी कर दिया है.

कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन के जरिये होगा लाभार्थियों का चयन

उद्योग विभाग बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत आर्थिक उत्थान के लिए एक विशेष अभियान चलाने जा रहा है. इस योजना के तहत गरीब वर्ग के लोगों से प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन आवेदन की मांग की जायेगी. इसके लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का पोर्टल या इसी प्रकार के पोर्टल का इस्तेमाल किया जायेगा. लाभार्थियों का चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन के जरिये किया जायेगा. खास बात यह होगी कि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार में से केवल एक को ही इस योजना का लाभ दिया जायेगा.

तीन किस्तों में दी जायेगी राशि

परिवार की परिभाषा में पति,पत्नी, अविवाहित पुत्र या पुत्री शामिल होंगे. चूंकि इस इस योजना के तहत दो लाख रुपये की राशि बतौर अनुदान के रूप में दी जायेगी. यह राशि तीन किस्तों में दी जायेगी. प्रथम किस्त परियोजना लागत की 25 फीसदी , दूसरी किस्त परियोजना लागत की 50 प्रतिशत और तीसरी किस्त लागत की 25 फीसदी होगी. प्रथम किस्त का उपयोग लाभुक की तरफ की टूल किट अथवा मशीन क्रय के लिए किया जायेगा.

18 से 50 साल के बीच के गरीबों को मिलेगा पैसा

इस योजना के राज्यस्तरीय लक्ष्य का निर्धारण राज्य सरकार की स्वीकृति से किया जायेगा. यह लक्ष्य जिलों में गरीब परिवारों की संख्या के अनुपात में जिला स्तर पर निर्धारित किया जायेगा. इस योजना के आवेदन की तिथि को लाभुक की उम्र 18 से 50 साल के बीच होनी चाहिए. आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिए.

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योजना की मॉनीटरिंग के लिए होगी समिति

इस योजना की मॉनीटरिंग और कार्यान्वयन के लिए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति होगी. इसी तरह जिला स्तर पर इसके लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी तय कर दी गयी है.

बिहार लघु उद्यमी योजना में निवेश क्षेत्र यह होंगे

खाद्य प्रसंस्करण, लकड़ी के फर्नीचर, निर्माण उद्योग, दैनिक उपभोक्ता सामग्री , ग्रामीण इंजीनियरिंग , इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स बेस्ड कार्य, रिपेयरिंग एवं मेंटेनेंस, सेवा उद्योग विविध उत्पाद, टेक्सटाइल एवं हॉजिरी उत्पाद, चमड़ा उत्पाद, हस्तशिल्प सहित सभी क्षेत्रों आर्थिक मदद दी जायेगी.

वर्गवार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की संख्या

श्रेणी- गरीब परिवारोंं की संख्या- कुल परिवारों में गरीब परिवारोंं का प्रतिशत

  • सामान्य वर्ग- 1085913 -25.09 %

  • पिछड़ा वर्ग- 2477970-33.16%

  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 3319509 -33.58 %

  • अनुसूचित जाति- 2349111-42.93%

  • अनुसूचित जनजाति – 200809-42.70%

नोट- हाल ही में हुई जातीय गणना में परिवार की मासिक आय के आधार पर आर्थिक रूप में गरीब परिवारों का अहम आंकड़ा सामने आया है. इसमें कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2.76 करोड़ है. इसमें 9433312 (34.14 %) से अधिक परिवार आर्थिक रूप से गरीब हैं.

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