पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari ) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों को ‘राज्य सचिवालय तक मार्च’ अर्थात नबान्न अभियान में पूर्ण समर्थन देने का वादा किया. मंगलवार को विपक्ष के नेता शहीद मीनार स्थित सरकारी कर्मचारियों के धरना मंच पर पहुंचे, जहां चार सरकारी कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे हैं. इस दौरान विपक्ष के नेता ने सरकारी कर्मचारियों से आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के संगठन से कहा कि आप सभी नबान्न चलो अभियान का आह्वान करें, हम आपके साथ हैं. श्री अधिकारी ने सरकारी कर्मचारियों द्वारा बुलाए गए किसी भी ‘राज्य सचिवालय मार्च’ कार्यक्रम में उपस्थित रहने का आश्वासन दिया.
शुभेंदु अधिकारी ने मंच से राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी भी दी कि यदि वह अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करती है तो वह लड़ाई को अंत तक लेकर जाएंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चूंकि राज्य सरकार के कर्मचारी आम तौर पर राज्य में सर्वोच्च पदाधिकारियों की भ्रष्ट प्रथाओं का समर्थन नहीं करते हैं, इसलिए राज्य प्रशासन उनके वैध बकाया से इनकार करके उन्हें दंडित कर रहा है.विपक्ष के नेता द्वारा एकजुटता की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है, क्योंकि संयुक्त मंच ने पहले ही 29 जनवरी से अनिश्चितकालीन बंद घोषणा कर दी है, जो राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने के लिए निश्चित वादा करने तक जारी रहेगा.
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उन्होंने यह भी धमकी दी है कि अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलेंगी और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं देंगी तो उनका आंदोलन और भी तेज होगा. मुख्यमंत्री ने पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए चार फीसदी अतिरिक्त डीए की घोषणा की थी. लेकिन इसके बाद भी राज्य में डीए केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तुलना में 36 फीसदी कम है. वहीं, इस संबंध में संग्रामी संयुक्त मंच के संयोजक भाष्कर घोष ने कहा कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हमेशा ही सरकारी कर्मचारियों के हितों को लेकर आवाज उठाते हैं, उनके समर्थन के लिए हम उनका आभारी हैं.