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Magh Mash 2024: माघ मास की कब से होगी शुरुआत? जानें प्रमुख स्नान की तिथियां और धार्मिक महत्व

Magh Mash 2024: हिंदू धर्म में माघ महीने का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति के कष्टों से राहत मिलती हैं.

Magh Mela 2024 Date: माघ मास हिंदू कलैंडर का 11वां महीना है, इस महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. हर साल प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन होता है. माघ मेले में स्नान करने के लिए देश विदेश से लोग प्रयागराज आते हैं. मान्यता है कि संगम तट पर स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति के कष्टों से राहत मिलती हैं. पद्म पुराण के मुताबिक, जो त्रिवेणी संगम पर नहाता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. प्रयागराज में गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी का संगम है, इस संगम स्थल को त्रिवेणी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह बहुत ही पवित्र स्थल है. यहां कई साधु, संत, कल्पवास कर धार्मिक कार्य करते हैं. कल्पवास से साधक को मन और इंद्रियों पर नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कि साल 2024 में माघ मेले की शुरुआत कब से हो रही है.

माघ माह 2024 कब होगा शुरू

माघ महीना 26 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार से शुरू हो रहा है, इसकी समाप्ति 24 फरवरी 2024 को माघ पूर्णिमा पर होगी. माघ महीन में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा स्नान करने का विधान है, इससे कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है. एक माह तक लोग यहां कल्पवास करते हैं.

माघ के महीने में क्या नहीं करना चाहिए?

माघ के महीने में भूलकर भी मूली का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. माघ के महीने में किसी से झूठ न बोले और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. माघ के महीने में भूलकर भी मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

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माघ मेला 2024 में स्नान की तिथियां

  • माघ मेला में पहला स्नान- मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024

  • दूसरा स्नान- 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा , कल्पवास का आरंभ

  • माघ मेले का तीसरा स्नान – 9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर

  • चौथा स्नान- बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024

  • पांचवा स्नान- माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024

  • आखिरी स्नान- 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि

माघ मास में क्या करना चाहिए

  • माघ मास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की विधि अनुसार पूजा करें.

  • इसके साथ ही विष्णु सहस्रनाम और मधुराष्टक का पाठ करें.

  • इस मास में व्यक्ति को मांसाहार, शराब जैसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए.

  • अगर आप संगम पर आते हैं, तो साइबेरियन पक्षियों का दीदार जरूर करें.

  • संगम स्नान के बाद अक्षय वट का दर्शन जरूर करना चाहिए.

  • माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए.

  • इस दौरान आप तुलसी की पूजा करें और गीता का पाठ करना चाहिए.

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