टाटा मोटर्स में स्थायीकरण के मुद्दे पर श्रम विभाग, कंपनी प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के बीच हुई कई दौर की वार्ता के बाद हर साल 800 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने पर लगभग सहमति बन गयी है. इस मुद्दे पर टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह के स्तर पर भी वार्ता हो चुकी है. गुरुवार इस पर समझौते की उम्मीद है. इसके बाद तय हो जायेगा कि करीब तीन से चार साल में सभी अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण हो जायेगा. यह भी लगभग तय हो चुका है कि बहाल होने वाले कर्मचारियों को दूसरे प्लांट में नहीं, बल्कि इसी प्लांट में समायोजित किया जायेगा. तबादला भी रुक जायेगा. हालांकि, इस पर अब तक मैनेजमेंट या यूनियन की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है. श्रम विभाग के स्तर पर ही वार्ता चल रही है.
गौरतलब है कि टाटा मोटर्स में करीब 2700 अस्थायी कर्मचारी हैं, जिनके स्थायीकरण का रोड मैप तैयार हो रहा है. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह और सलाहकार प्रवीण सिंह की टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह, जमशेदपुर प्लांट के हेड रवींद्र कुलकर्णी, एचआर हेड मोहन गंटा सहित कंपनी के आला अधिकारियों के साथ लगातार वार्ता हो रही है. श्रम विभाग की देखरेख में वार्ता हुई है, जिसमें लगभग सहमति बनने की बात सामने आयी है. इस बारे में टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने कहा कि वार्ता हुई है लेकिन अभी किसी निष्कर्ष पर हमलोग नहीं पहुंचे हैं. जैसे ही सकारात्मक स्थिति आयेगी, समझौता हो जायेगा. वैसे सूत्रों ने जानकारी दी है कि गुरुवार को इसका समझौता हो जायेगा ताकि इसको 26 जनवरी के कार्यक्रम में घोषणा की जा सके.
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