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केके पाठक और चन्द्रशेखर सिंह के बीच नहीं थम रहा विवाद, पटना डीएम ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, जानें क्या कहा

पटना जिले में आठवीं तक के सरकारी व निजी स्कूल (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों व कोचिंग सेंटर) को डीएम द्वारा बंद किये जाने व इस मामले में शिक्षा विभाग द्वारा किये गये पत्राचार को लेकर मामला मुख्य सचिव के पास पहुंचा है.

बिहार के दो आईएएस अधिकारियों के विभागों के बीच विवाद थम नहीं रहा है. डीएम द्वारा पटना जिले में कक्षा 8 तक के सरकारी और निजी स्कूलों (प्री-स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और कोचिंग सेंटर) को बंद करने को लेकर केके पाठक के शिक्षा विभाग और पटना जिला प्रशासन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. अब शिक्षा विभाग की ओर से किये गये पत्राचार को लेकर मामला मुख्य सचिव तक पहुंच गया है. मुख्य सचिव से पूरे मामले की समीक्षा कर उचित समाधान निकालने का अनुरोध पटना डीएम द्वारा किया गया है.

पटना डीएम ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

बुधवार को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मुख्य सचिव को शीतलहर आदि कारणों से सरकारी विद्यालयों को बंद करने के संबंध में जारी आदेश की वस्तुस्थिति से अवगत कराया है.पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन के बीच स्कूल बंद किये जाने के संदर्भ में अंतहीन पत्राचार से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. यह प्रशासनिक दृष्टिकोण से यथोचित नहीं है. प्रशासनिक व्यवस्था में सभी स्तरों पर अधिकार एवं सीमायें सुपरिभाषित है. इसका सम्मान किया जाना चाहिए.

25 जनवरी तक स्कूलों में छुट्टी

पत्र में उल्लेख किया गया है कि पटना जिले में शीत दिवस की स्थिति व कम तापमान जारी रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर खतरे की संभावना को लेकर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा144 के तहत क्लास आठवीं तक शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते हुए 23 जनवरी को इसे 25 जनवरी तक विस्तारित किया गया.

इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा 22 जनवरी को जिला प्रशासन द्वारा स्कूल बंद किये जाने के संबंध में निर्गत आदेश में शिक्षा विभाग का 20 जनवरी को जारी आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने का उल्लेख करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को सभी विद्यालयों को खुला रखने के लिए निदेशित किया गया.

डीएम ने मामले का समाधान करने का किया अनुरोध

इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से 22 जनवरी को उपर्युक्त परिस्थिति व जिला दंडाधिकारी को इंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया. इसके पश्चात पुन: शिक्षा विभाग की ओर से 23 जनवरी को जारी पत्र द्वारा विभिन्न प्रकार की आपत्तियों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट की मांग की गयी है. डीएम ने मुख्य सचिव से इस मामले में अपने स्तर से संपूर्ण मामले की समीक्षा कर यथोचित समाधान करने का अनुरोध किया है.

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शिक्षक रहे मौजूद लेकिन बच्चों ने ही स्कूल आना छोड़ा

इधर, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जारी किये गये अलग-अलग निर्देश के बाद बुधवार को भी शहर के सरकारी स्कूल तो खुले और शिक्षक भी मौजूद रहे. लेकिन स्कूली बच्चों ने ठंड के कारण खुद ही स्कूल आना छोड़ दिया है. बुधवार को स्कूल तो खुले, लेकिन शहर के स्कूलों में कक्षाएं नहीं चली. सामान्य दिनों की तरह प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में आने वाले बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की गयी थी लेकिन शहर के अधिकतर सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं के एक भी बच्चे उपस्थित ही नहीं हुए. हालांकि शिक्षक निर्धारित समय पर अपने स्कूल में कार्यरत रहे.

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