बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा (Bharat Nyay Yatra) में शामिल नहीं होंगे. 29 जनवरी को राहुल गांधी की यात्रा बिहार पहुंचने वाली है. इसको लेकर कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा में नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. इसके एक दिन के बाद ही यह खबर सामने आया कि नीतीश कुमार राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे. जदयू की ओर से कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी व्यस्तता के कारण इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे. इधर, नीतीश कुमार के राहुल की यात्रा में शामिल नहीं होने पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
बिहार में पिछले कई दिनों से सत्तारूढ़ महागठबंधन में कई तरह की चर्चा चल रही है. इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता अस्तिनाथ नाथ तिवारी ने नीतीश कुमार के राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं पर कहा कि राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा अन्याय के शिकार हुए असंख्य भारतीयों को न्याय दिलाने का संघर्ष है. जो हमारे साथ हैं वे न्याय का संघर्ष कर रहे हैं. जो हमारे खिलाफ हैं अन्यायियों के साथ खड़े हैं. जदयू सूत्रों का कहना है कि आगामी 30 जनवरी को नीतीश कुमार पटना में ही एक कार्यक्रम में रहेंगे.इसी कारण वे राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं होंगे. बताते चलें कि 29 जनवरी को राहुल गांधी बिहार दौरे पर आएंगे और सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिलों से होते हुए पश्चिम बंगाल में दाखिल हो जाएंगे. खास बात यह कि पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल गांधी की यात्रा में नीतीश कुमार शामिल होंगे. लेकिन, अब जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार नीतीश कुमार उस दिन पटना में रहेंगे.
इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय सलाहकार सह प्रवक्ता केसी त्यागी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चिंता जतायी थी. उन्होंने कहा है कि हम बहुत विनम्र भाव से कहना चाहते हैं कि यात्रा का समय उचित नहीं था. राहुल गांधी सबसे बड़ी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. उन्हें सहयोगी पार्टियों के साथ बैठकर सीटों का तालमेल पक्की करनी चाहिए थी, ज्वाइंट कैंपेन करना चाहिए था. अगर पदयात्रा आवश्यक भी थी, तो उसमें सबको शामिल करना चाहिए था.
श्री त्यागी ने कहा कि अफसोस यह है कि कांग्रेस बहुल हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक और तेलंगाना में वे किसी के साथ भी सीट साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं. उनको अनुपातिक प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चाहिए. इसी का नतीजा है कि हमारे अथक प्रयासों से इंडिया गठबंधन में आयी तृणमूल कांग्रेस हमसे छिटक गयी. पिछले 24 घंटों में घटित घटनाक्रम हमें चिंता में डालने वाला है.
जदयू के राष्ट्रीय राजनीतिक सलाहकार श्री त्यागी ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने मैराथन प्रयास कर असंभव को संभव कर दिखाया था. ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी फूटी आंख भी कांग्रेस पार्टी को देखना नहीं चाहते थे. गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई गठबंधन बनाने में लगे लोगों को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मंच पर लाने का काम किया था. हम इसके निर्माता हैं, इसलिए हमें पीड़ा है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बुधवार को कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) अगले लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव में उतरेगी. कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. राज्य की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि ”2024 के लोकसभा चुनावों में यह 13-0 होने जा रहा है.