13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Petrol-Diesel Price: केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों का बजट सपोर्ट किया आधा,स्ट्रैटेजिक ऑयल स्टोरेज का काम स्थगित

वित्त मंत्री ने कर्नाटक के मैंगलोर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रणनीतिक भूमिगत भंडारण को भरने के लिए कच्चा तेल खरीदने को लेकर 5,000 करोड़ रुपये का भी प्रस्ताव किया था. इसका इस्तेमाल किसी भी आपूर्ति व्यवधान से बचाने के लिए होना था.

केंद्र सरकार के द्वारा तेल वितरक कंपनियों को महीने के आखिरी सप्ताह में बड़ा झटका दिया गया है. सरकार ने ऊर्जा बदलाव यानी हरित ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के खुदरा ईंधन विक्रेताओं में किए जाने वाले इक्विटी निवेश की राशि को आधा कर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश करते हुए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेश लिमिटेड (HPCL) में 30,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश की घोषणा की थी. यह निवेश इन तीनों कंपनियों द्वारा ऊर्जा बदलाव योजनाओं में किए जाने वाले निवेश का समर्थन करने के लिए किया जाना था. इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने कर्नाटक के मैंगलोर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रणनीतिक भूमिगत भंडारण को भरने के लिए कच्चा तेल खरीदने को लेकर 5,000 करोड़ रुपये का भी प्रस्ताव किया था. इसका इस्तेमाल किसी भी आपूर्ति व्यवधान से बचाने के लिए होना था.

Also Read: Windfall Tax: घरेलू तेल कंपनियों को बड़ी राहत, विंडफॉल टैक्स में की कटौती, जानें कितनी मिली राहत

तेल बाजारों के कारण स्थगित किया स्पोर्ट

वित्त मंत्रालय ने कहा कि तेल बाजारों में उभरते रुझानों को देखते हुए उस योजना को भी स्थगित कर दिया गया है. अन्य सरकारी तेल कंपनियों जैसे ओएनजीसी और गेल (इंडिया) लिमिटेड ने भी शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है. हालांकि, इक्विटी समर्थन तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं तक सीमित था. इन कंपनियों को 2022 में लागत से कम मूल्य पर पेट्रोलियम उत्पाद बेचने के चलते भारी नुकसान हुआ था. वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन का विवरण देते हुए इक्विटी समर्थन को आधा करने और रणनीतिक भंडार भरने को टालने के बारे में जानकारी दी.

ग्रीन एनर्जी के लिए सरकार ने दिया 30 हजार करोड़

सरकार ने सोशल मीडिया पर कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-34 के बजट में ऊर्जा बदलाव और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन उद्देश्यों तथा ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्राथमिकता वाले पूंजी निवेश के लिए 35,000 करोड़ रुपये प्रदान किया है. इसमें से 30,000 करोड़ रुपये तेल विपणन कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को हरित ऊर्जा और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन पहल के लिए पूंजी समर्थन के लिए थे. शेष मैंगलोर और विशाखापत्तनम में रणनीतिक भूमिगत भंडारण क्षेत्रों के लिए कच्चे तेल की खरीद को लेकर थे.

वित्त मंत्रालय से नहीं मिला विवरण

व्यय वित्त समिति की 30 नवंबर, 2023 को आयोजित बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में तेल विपणन कंपनियों में इक्विटी निवेश के लिए अधिकतम 15,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जा सकते हैं. हालांकि वित्त मंत्रालय ने निर्णय के कारणों का विवरण नहीं दिया. उद्योग सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय चालू वित्त वर्ष में तीन कंपनियों के लाभ में वृद्धि से जुड़ा हो सकता है.

(भाषा इनपुट)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें