बिहार में महागठबंधन की सरकार फिर एकबार गिरी है और प्रदेश में सत्ता का समीकरण बदल चुका है. नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. नीतीश कुमार एनडीए सरकार में नवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. साढ़े 17 महीने तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बिहार में चल सकी. वहीं अब फिर से एनडीए के साथ जदयू आयी है और भाजपा के साथ सरकार में नीतीश कुमार ही फिर से मुख्यमंत्री बन रहे हैं. नीतीश कुमार को बिहार की बदली हुई तस्वीर का श्रेय दिया जाता है. सबसे अधिक समय तक प्रदेश के मुखिया बनने का रिकॉर्ड उनके नाम रहा है.
नीतीश कुमार का जन्म बख्तियारपुर में हुआ था. नालंदा के हरनौत स्थित कल्याण बिगहा उनका पैतृक गांव है. नीतीश कुमार इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किए हुए हैं. जय प्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में भी वो शामिल रहे. उनकी पत्नी का निधन हो चुका है. नीतीश कुमार एक बेटे के पिता हैं. छात्र जीवन से राजनीति में अपनी भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार 1990 में पहली बार केंद्रीय मंत्रीमंडल में बतौर कृषि राज्यमंत्री शामिल हुए थे. बाढ़ लोकसभा से वो चुनाव लड़े और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री भी रहे. नीतीश कुमार कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े. वो विधानपरिषद सदस्य रहकर ही मुख्यमंत्री बनते रहे हैं.
24 साल पहले तीन मार्च, 2000 को नीतीश कुमार ने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, उनकी यह सरकार सात दिनों तक ही चल पायी. बहुमत का जुगाड़ नहीं हो पाने के कारण उन्होंने 10 मार्च, 2000 को इस्तीफा दे दिया. दूसरी बार वे पूरे बहुमत के साथ नवंबर 2005 में एनडीए सरकार के मुखिया बने. तीसरी बार पांच साल बाद हुए 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए एक बार फिर भारी बहुमत से सत्ता में आया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
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जदयू ने वर्ष 2013 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था. 2013 में बिहार की सियासत में बड़ी दरार आयी जब नीतीश कुमार भाजपा से अलग हो गए और जदयू एनडीए से अलग हो गयी. लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए. लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेवारी लेकर उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश कुमार ने वर्ष 2014 में बड़ा फैसला लिया था और जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था. बिहार में जीतनराम मांझी करीब एक साल तक सीएम बने रहे. वर्ष 2015 में आरजेडी और कांग्रेस के साथ जदयू ने गठबंधन किया और महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी. इस सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने.
2015 में बनी महागठबंधन सरकार बिहार में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा का साथ पकड़ा. सूबे में फिर एकबार एनडीए की सरकार बनी. वहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू और भाजपा साथ मैदान में उतरी. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भी जदयू और भाजपा साथ रही. सूबे में एनडीए की सरकार बनी. लेकिन 2022 में फिर एकबार भाजपा के साथ नीतीश कुमार के रिश्ते में कड़वाहट दिखी और जदयू एनडीए से अलग हो गयी. फिर एकबार राजद के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनायी. लेकिन यह सरकार भी करीब डेढ़ साल ही टिक सकी. नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर नौंवी बार सीएम बने.
नीतीश कुमार जदयू के सर्वमान्य नेता हैं. वर्तमान में भी वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. बिहार को नयी पहचान देने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. बिहार में नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बनकर आए तो सूबे में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब थी. उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और इस ओर बड़े कार्य किए गए. नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार सरकार ने अपने खर्च पर बिहार में जातीय गणना का काम किया. आरक्षण के दायरे को भी बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने बढ़ाया.