‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. आतंकी संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाने को लेकर ट्वीट किया और बताया, मोदी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की है.
गृह मंत्री कार्यालय ने सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाने को लेकर क्या किया ट्वीट
गृह मंत्री कार्यालय ने सिमी पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी साझा करते हुए एक्स पर लिखा, आतंकवाद के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण के तहत ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ को यूएपीए के तहत पांच साल की अगली अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है.
Bolstering PM @narendramodi Ji's vision of zero tolerance against terrorism ‘Students Islamic Movement of India (SIMI)’ has been declared as an 'Unlawful Association' for a further period of five years under the UAPA.
The SIMI has been found involved in fomenting terrorism,…— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) January 29, 2024
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सिमी पर केंद्र सरकार ने क्यों लगाया प्रतिबंध
सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है.
क्या है सिमी और उसका उद्देश्य
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. जिसकी स्थापना अप्रैल 1977 में हुआ था. जिसके संस्थापक अध्यक्ष मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी थे. हालांकि बताया जाता है कि सिमी की स्थापना पहले ही हो गई थी. 1956 में बने प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी को ही नया रूप देकर सिमी बनाया गया.
9/11 हमले के बाद सरकार ने सिमी पर लगाया था बैन
9/11 हमले के बाद भारत सरकार ने 2001 में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने यह कार्रवाई आतंकवादरी संगठन के साथ संबंध होने पर लगाया था. हालांकि अगस्त 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबंध हटा दिया गया था. लेकिन फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और सिमी पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है.