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स्टैचू ऑफ यूनिटी से ऊंची होगी स्टैचू ऑफ विजडम, पटना में गंगा तट पर लगेगी डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा

पटना के गंगा तट पर स्थापित होनेवाली यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने सरदार बल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची होगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी 61 मीटर ऊंची इस प्रतिमा के बनने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जायेगी.

पटना. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 243 फीट ऊंची आदमकद प्रतिमा गंगा घाट के नजदीक लगाई जाएगी. इस बात का फैसला पटना नगर निगम की बैठक में लिया गया. पटना के गंगा तट पर स्थापित होनेवाली यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने सरदार बल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची होगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी 61 मीटर ऊंची इस प्रतिमा के बनने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जायेगी. आज पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति की आठवीं साधारण बैठक में इस प्रस्ताव को पारित कर सरकार को भेज दिया गया.

पटना नगर पालिका के रह चुके हैं चैयरमैन

पटना की मेयर सीता साहू ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद 1923 में पटना नगर पालिका के चेयरमैन बने, जिसके 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने यह प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजा है. इसमें जगह और अनापत्ति प्रमाणपत्र नगर निगम देगी, जबकि आदमकद प्रतिमा का निर्माण और उसे स्थापित करने का कार्य राज्य सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की पटना न केवल कर्मभूमि रही, बल्कि उनकी समाधि भी पटना में ही है.

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समाधि के पास लगायी जायेगी मूर्ति

उन्होंने कहा कि प्रतिमा के निर्माण राजेंद्र प्रसाद की समाधि के पास गंगा तट पर किया जायेगा. प्रतिमा स्थापित होने के बाद उनकी समाधि स्थल के आसपास के क्षेत्रों को विकसित कर पर्यटन स्थल का रूप दिया जा जायेगा. उन्होंने इसकी ऊंचाई के संबंध में बताया कि विधानसभा सदस्यों की संख्या के बराबर प्रतिमा की ऊंचाई रखी गयी है. उन्होंने कहा कि 200 फुट ऊंचे पैडेस्टल पर यह प्रतिमा स्थापित होगी और इस प्रकार भूतल से इसकी कुल ऊंचाई लगभग एक हजार फुट हो जायेगी, जो कई किलोमीटर दूर से ही नजर आयेगी.

वर्षों से की जा रही है मांग

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में स्टैचू आफ विजडम बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है. डॉ राजेंद्र प्रसाद का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में अतुलनीय था. राजेंद्र प्रसाद ने बेहद ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ राजनीतिक जीवन जिया. पूर्व राष्ट्रपति को जितना सम्मान मिलना चाहिए था, उतना सम्मान नहीं मिला. डॉ राजेंद्र प्रसाद को उचित सम्मान मिले इसके लिए लोग बाग संघर्ष भी करते रहे हैं. राजेंद्र बाबू की स्मृति में स्टैचू आफ विजडम का निर्माण हो, इसके लिए सरकार से गुहार की जाती रही है.

सम्राट चौधरी ने दिया था भरोसा

राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित समारोह में आये भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी हिस्सा लिया. सम्राट चौधरी ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि अगर बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो राजेंद्र बाबू की स्मृति में बहुत कुछ किया जाएगा. डॉ राजेंद्र प्रसाद के रिश्तेदार और नाती मनीष सिंह ने कहा था कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में स्टैचू आफ विजडम का निर्माण होना चाहिए, इसके अलावा कांस्टीट्यूएंट असेंबली की रिप्लिका और प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी का निर्माण होना चाहिए.

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