रांची : झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने हजारीबाग के बिंदेश्वरी पथ में रैयती जमीन पर नगर निगम द्वारा नाली बनाये जाने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. सभी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने कहा कि रैयती जमीन का बिना अधिग्रहण किये उस पर नाली का निर्माण क्यों किया गया. अदालत ने हजारीबाग जिला प्रशासन को जुर्माना के रूप में प्रार्थी को एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि राशि का भुगतान चार सप्ताह के अंदर किया जाये.
अदालत ने उपायुक्त को निर्देश दिया कि वह मामले की जांच करायें तथा उस राशि की वसूली संबंधित जिम्मेवार अधिकारी के वेतन से काट कर की जाये, जिनके द्वारा बिना जमीन का अधिग्रहण किये नाली का निर्माण कराया गया है. अदालत ने यह भी कहा कि जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई कर प्रार्थी को तय मुआवजा राशि का भुगतान किया जाये. मामले की सुनवाई के दाैरान हजारीबाग के उपायुक्त, एसडीओ तथा हजारीबाग नगर निगम के नगर आयुक्त सशरीर उपस्थित थे. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पैरवी की.
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उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शैलेंद्र कुमार गुप्ता व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी थी. कहा गया कि बिंदेश्वरी पथ स्थित उनकी रैयती जमीन का बिना अधिग्रहण किये ही उस पर हजारीबाग नगर निगम द्वारा नाली का निर्माण करा दिया गया है. वहीं नाली बनाने का विरोध करने पर शैलेंद्र कुमार गुप्ता व उसके भाई सुशील कुमार गुप्ता के खिलाफ हजारीबाग सदर थाना में कांड संख्या-293/2022 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. प्रार्थियों ने उक्त प्राथमिकी को भी अलग याचिका दायर कर चुनाैती दी है.