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Indian Economy: कुमार मंगलम बिड़ला ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर जताया भरोसा, कहा-‘जस्ट लुकिंग लाइक ए वाउ’

Indian Economy: कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह एक युवा देश और प्राचीन सभ्यता की गतिशीलता और ऊर्जा है जिसने अपनी आवाज तथा आधार पाया है. यह साफ दिख रहा है कि देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इसके लिए सरकार को श्रेय देते हुए कहा कि भारत उम्मीद, गर्व और प्रत्याशा से भरा हुआ है.

Indian Economy: भारत के दिग्गज व्यापारी और आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरपर्सन कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने वायरल मीम ‘जस्ट लुकिंग लाइक ए वाउ…’ के जरिए इंडियन इकोनॉमी की प्रशंसा की है. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते इसे जीवंत ऊर्जा से लबरेज बताया है. बिड़ला ने नये साल के संदेश में कहा है कि राष्ट्र इस समय आत्मविश्वास से सराबोर है और यह साफ दिख रहा है. ‘मीम’ उस क्षण की ‘अद्वितीय प्रकृति’ को उकेरता है. उन्होंने ने कहा कि जो वायरल मीम है, वह सही मायने में भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवंत ऊर्जा को प्रतिबिंबित करता है और इस क्षण की अद्वितीय प्रकृति को दर्शाता है. भले ही दुनिया का बड़ा हिस्सा निराशावाद में डूबा हुआ है, भारत अटूट आशावाद के साथ आगे बढ़ रहा है.

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युवा देश और प्रचीन सभ्यता से मिली ऊर्जा

कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह एक युवा देश और प्राचीन सभ्यता की गतिशीलता और ऊर्जा है जिसने अपनी आवाज तथा आधार पाया है. यह साफ दिख रहा है कि देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इसके लिए सरकार को श्रेय देते हुए कहा कि भारत उम्मीद, गर्व और प्रत्याशा से भरा हुआ है. उद्योगपति ने व्यापक स्तर पर जो उम्मीद की किरण दिख रही है, उसे मापने के लिए ‘राष्ट्रीय आत्मविश्वास सूचकांक’ बनाने की भी वकालत की. विविध कारोबार से जुड़े आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन ने कहा कि 2023 में उनका बाजार पूंजीकरण 40 प्रतिशत बढ़कर 90 अरब डॉलर से अधिक हो गया. इसी वर्ष उनके विनिर्माण कारोबार का एकीकरण भी हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि समूह का उपभोक्ता कारोबार बदलाव वाले विकास के कगार पर हैं. समूह के उपभोक्ता कारोबार में वित्त, दूरसंचार और पेंट शामिल हैं.

आपसी भरोसे और पारदर्शिता से बनेगी बात

देश की अर्थव्यवस्था के बारे में बताते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भले ही लोग वैश्वीकरण पर ‘स्मृति लेख’ लिख रहे हैं, लेकिन इसकी एक ‘शक्तिशाली भूमिका’ है. उनके जैसे समूह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असहमति और विचारधारा के बीच अंतर को पाटने की अद्वितीय क्षमता है. उन्होंने कहा कि जो वैश्वीकरण का मॉडल हमेशा काम करेगा, वह खुलेपन, आपसी भरोसे और पारदर्शिता पर आधारित है.

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