लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 16 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. पहली सूची में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का भी नाम है. उन्हें फिर से मैनपुरी से टिकट दिया गया है. इसके अलावा फिरोजाबाद से अक्षय यादव को टिकट दिया गया है. अक्षय राम गोपाल यादव के बेटे हैं. इसके अलावा संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अनु टंडन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को टिकट दिया गया है. इसके अलावा फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य, अकबरपुर से राजाराम पाल, बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल, अयोध्या से अवधेश प्रसाद, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी, गोरखपुर से काजल निषाद को लोकसभा को द्वंद में उतारा गया है.
डिंपल यादव मैनपुरी से वर्तमान में सांसद हैं. इसके अलावा शफीकुर्रहमान बर्क संभल से सांसद हैं. धर्मेंद्र यादव को दोबारा बदायूं से मैदान में उतारा गया है. वह आजमगढ़ से लोकसभा का उपचुनाव दिनेश लाल निरहुआ से हार गए थे. इसी तरह अक्षय यादव फिरोजाबाद से सांसद रह चुके हैं. उन्हें 2019 में हार का सामना करना पड़ा था. तब शिवपाल यादव भी फिरोजबाद से चुनाव लड़े थे. परिवार के दो सदस्यों की लड़ाई में बीजेपी का प्रत्याशी जीत गया था. इसके अलावा काजल निषाद पर गोरखपुर से फिर से भरोसा जताया गया है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी सूची जारी करने से पहले इंडिया गठबंधन में शामिल रालोद व कांग्रेस को भी सीटें देने की घोषणा एक्स पर की थी. इसमें रालोद को 7 सीटें दी गई थी. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ उनकी हाथ मिलाते हुए एक फोटो भी वायरल हुई थी. जबकि कांग्रेस को उन्होंने 11 सीटें देने की जानकारी एक्स पर दी थी. लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी तक सीटों के समझौते को लेकर कोई बयान नहीं आया है.
Also Read: IPS Transfer: यूपी में आईपीएस के तबादले, कई जिलों के कप्तान बदले2019 में बीजेपी रायबरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, संभल, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, नगीना और रामपुर सीटें नहीं जीत पाई थी. इनमें से समाजवादी पार्टी को 5, कांग्रेस को एक और बीएसपी को 10 सीटें मिली थी. खास बात यह थी कि 2019 चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था. बाद में उपचुनाव में बीजेपी ने रामपुर और आजमगढ़ में भी जीत हासिल कर ली थी. अब मिशन 80 के तहत हारी हुई 16 सीटों पर अधिक फोकस कर रही है.
उधर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले मैनपुरी के मनोज यादव से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह मैनपुरी के ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में उन्होंने डिंपल यादव की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. इस्तीफे के बाद मनोज यादव के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल उन्होंने कहा है कि सपा में पारिवारिक विवाद और गुटबाजी बहुत बढ़ गई है. नेता एकदूसरे की टांग खींच रहे हैं. इससे आहत होकर वह सपा छोड़ रहे हैं.
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