पटना. बिहार में अब सभी कोल्ड स्टोरेज सोलर पावर से चलेंगे. बिजली की खपत कम करने और बिजली बिल कम करने के उद्देश्य से बिहार के सभी कोल्ड स्टोरेज को सोलर पैनल से जोड़े जाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए सभी पुराने और 12 जिलों में बननेवाले नये कोल्ड स्टोरेज में भी सोलर पैनल की सुविधा दी जा रही है. जिला मुख्यालय से सुदूर क्षेत्रों में भी सोलर पैनल कूल चैंबर वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया जायेगा. सरकार की ओर से इन योजनाओं पर 28 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
सस्ती दर पर किसानों को उपलब्ध होंगे कोल्ड स्टोरेज
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल व शिवहर में नये कोल्ड स्टोरेज बनाये जायेंगे. इन जिलों में पहले से कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है. किसानों को सस्ती दर पर कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध कराने के लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जा रही है.
दो श्रेणियों में होगा कोल्ड स्टोरेज का निर्माण
बिहार के 12 जिलों में बननेवाले कोल्ड स्टोरेजे दो टाइप के होंगे. यहां टाइप-1 व टाइप-2 दो श्रेणी में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा. टाइप-1 कोल्ड स्टोरेज की क्षमता पांच हजार टन और टाइप-2 की क्षमता दो हजार टन निर्धारित की गयी है. टाइप वन कोल्ड स्टोरेज में एक ही तरह की मौसमी फसलों का भंडारण होगा, जबकि टाइप-2 की डिजाइन इस तरह से की जायेगी कि विभिन्न वस्तुओं और उत्पादों को वर्षभर सुरक्षित रखा जा सके.
किसानों को मिलेगी सब्सिडी
बिहार सरकार किसानों को इस दिक्कत को समझते हुए कोल्ड स्टोरेज यूनिट (टाइप-2) बनाने के लिए 35 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है. अगर किसान अपनी फसलों को खराब होने से बचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाना चाहते हैं, तो बिहार सरकार इकाई लागत के 10000 रुपये का 35 फीसदी यानी 3500 रुपये की सब्सिडी दे रही है. यह सब्सिडी बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय के माध्यम से दी जाएगी.
आवेदन के आधार पर होगा चयन
जानकारों की माने तो कोल्ड स्टोरेज और सोलर पैनल दोनों पर एक साथ 50 फीसदी अनुदान मिलेगा. आवेदन के आधार पर कोल्ड स्टोरेज के लिए चयन किया जायेगा. सोलर पैनल कूल चैंबर के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों को संरक्षित किया जायेगा, ताकि किसानों के फसल व अन्य उत्पाद बर्बाद न हों.