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अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिला दी थी सात वीर जवानों ने, धोखे से पकड़ किया जांबाजों का कत्लेआम

अंग्रेजी सेना तथा आंदोलनकारियों के बीच जमकर युद्ध छिड़ा हुआ था . लरका आंदोलन का नेतृत्व बीर बुधू भगत कर रहे थे. अंग्रेजी सेना के टिको में बने वार रूम पर हमला करते हुए अंग्रेजी हुकूमत को भारी नुकसान पहुंचाया गया था.

लोहरदगा : लरका आंदोलन के प्रणेता वीर बुधू भगत, हलधर – गिरधर भगत, बहन रूनिया तथा झुनिया समेत सात जाबांजों ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़ों कोअपने अदम्य साहस से हिला दिया था . दो साल तक अंग्रेजी सेना सात जाबांजों को पकड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती रही लेकिन सफलता नहीं मिली . लरका आंदोलन के जांबाजों ने अंग्रेजी सेना के कई हथियार, गोला व बारूद डिपो को उड़ा दिया था साथ ही कई अंग्रेजी सेना के कमांडर को मार गिराया था. सात वीर जवानों को पकड़ने के लिए अंग्रेजी सेना ने इनाम की घोषणा की थी, धोखे से सात जांबाज पकड़े गये तथा सभी को एक ही रस्सी में बांधते हुए कत्लेआम कर दिया गया था. लरका आंदोलन के जाबांजों की याद में हर साल दो फरवरी को टिको पोखरा टोली में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करते हुए वीर जवानों को श्रदा- सुमन अर्पित किया जाता है.

क्या हुआ था एक फरवरी 1857 की काली रात को

अंग्रेजी सेना तथा आंदोलनकारियों के बीच जमकर युद्ध छिड़ा हुआ था . लरका आंदोलन का नेतृत्व बीर बुधू भगत कर रहे थे. अंग्रेजी सेना के टिको में बने वार रूम पर हमला करते हुए अंग्रेजी हुकूमत को भारी नुकसान पहुंचाया गया था. इसी बीच एक फरवरी 1857 की देर रात्रि कुड़ू के जंगी बगिचा जहां सातों वीर जाबांज बीर बुधू भगत, हलधर भगत, गिरधर भगत, बहन रूनिया तथा झुनिया समेत तीन जवान शामिल थे सभी आराम कर रहे थे . इनाम के लालच में आंदोलन से जुड़े एक आंदोलनकारी ने अंग्रेजी हुकूमत को सूचना दी कि सातों आंदोलनकारी, जिन्होंने टिको में हमला किया था तथा हथियार लूटे थे, जंगी बगीचा में आराम कर रहे हैं . एक फरवरी को अंग्रेजी हुकूमत लाव लश्कर के साथ जंगी बगीचा को चारों तरफ से घेर लिया.

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सातों आंदोलनकारियों को हलधर भगत, गिरधर भगत, बहन रूनिया तथा झुनिया समेत तीन आंदोलनकारियों को अंग्रेजी सेना ने झांसे मे रख पकड़ लिया . बीर बुधू भगत उस समय दूसरी टीम मे थे . सभी सात आंदोलनकारियों इनमें बीर बुधू भगत के दो पुत्र हलधर भगत, गिरधर भगत, बहन रूनिया तथा झुनिया समेत तीन अन्य आंदोलनकारियों को टिको पोखराटोली अंग्रेजी हुकूमत अपने कैंप में ले गई . सातों के साथ काफी अत्याचार किया गया तथा दो फरवरी की अहले सुबह सभी सातों को टिको पोखराटोली के समीप जोड़ाबर के पेड़ में एक रस्सी से बांधते हुए कत्लेआम कर दिया गया. तब से दो फरवरी को श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन होता आ रहा है . हर साल दो फरवरी को टिको पोखराटोली में लरका आंदोलन के शहीदों की याद मे श्रद्धा सुमन अर्पित करने को लेकर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाता है तथा श्रद्धांजलि दी जाती है.

शहीद स्थल की बदलने लगी तस्वीर

पिछले कई दशकों तक उपेक्षित रहने के बाद आखिरकार शहीद स्थल टिको पोखरा टोली की तस्वीर बदल रहीं हैं. टिको पोखरा टोली स्थित स्मारक स्थल में अतिथिशाला भवन, स्मारक स्थल तक पहुंचने के लिए पीसीसी सड़क निर्माण, शहीद स्थल का चारदीवारी निर्माण, टिको पोखरा टोली गांव से लेकर शहीद स्थल तक पीसीसी पथ निर्माण,गांव में पेयजल की व्यवस्था सहित विकास के कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कुछ कार्य शुरू कराया गया है.

प्रखंड उपप्रमुख ने लिया तैयारियां का जायजा

टिको पोखरा टोली में शुक्रवार को आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को लेकर गुरुवार को प्रखंड उपप्रमुख ऐनुल अंसारी टिको पोखरा टोली पहुंचे तथा तैयारियों का जायजा लिया. शहीद स्मारक स्थल पर साफ – सफाई से लेकर रंगाई पुताई का जायजा लिया . मौके पर उपप्रमुख ऐनुल अंसारी ने कहा कि शहीदों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. सुबह दस बजे से पूजन तथा श्रद्धांजलि समारोह कार्यक्रम शुरू हो जायेगा.

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