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हेमंत सोरेन की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाईकोर्ट जाने का निर्देश

गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की थी. उनकी ओर से झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 31 जनवरी को याचिका दायर की गयी थी.

रांची : सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने हेमंत सोरेन की याचिका सुनने से इनकार कर दिया. अदालत ने उन्हें हाइकोर्ट जाने का निर्देश दिया. अदालत ने हाइकोर्ट को मामले की शीघ्र सुनवाई कर निष्पादित करने का निर्देश दिया, लेकिन इसके लिए समय सीमा निर्धारित करने से इनकार कर दिया. हेमंत सोरेन से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इडी द्वारा जारी किये गये समन को चुनौती दी थी. साथ ही अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की थी. उनकी ओर से झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 31 जनवरी को याचिका दायर की गयी थी.

झारखंड हाइकोर्ट में एक जनवरी को सुनवाई के दौरान इडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की ओर से याचिका दायर पर दो जनवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित किये जाने की जानकारी दी गयी. इसके बाद हाइकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की ओर से शीघ्र सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए एक विशेष पीठ का गठन किया. न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश एमएम सुंदरेश और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की विशेष पीठ के सामने शुक्रवार को याचिका पेश की गयी.

सुप्रीम कोर्ट लाइव

न्यायाधीश संजीव खन्ना : आप यहां क्यों आये हैं? हाइकोर्ट जायें.

कपिल सिब्बल : क्यों? हम यहां क्यों नहीं आ सकते हैं?

न्यायाधीश संजीव खन्ना : हाइकोर्ट में भी यह याचिका लंबित है. इसलिए आप पहले वहीं जायें.

कपिल सिब्बल : मामला मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से संबंधित है. इसलिए आप मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को सुनें.

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न्यायाधीश संजीव खन्ना : अब तो गिरफ्तारी हो चुकी है. अगर हमलोग इस तरह के एक मामले की सुनवाई की अनुमति देगें, तो दूसरे सभी मामलों के सुनवाई की अनुमति देनी होगी. इसलिए सुनवाई की अनुमति नहीं दी जा सकता है. आप हाइकोर्ट में जायें. हाइकोर्ट इसे सुनने के लिए सक्षम है.

(कपिल सिब्बल ने फिर याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया.)

अभिषेक मनु सिंघवी (बीच में टोकते हुए) : गिरफ्तारी गैर जरूरी है.

न्यायाधीश संजीव खन्ना : इससे पहले भी संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत इसी तरह की मांग को लेकर याचिका दायर की गयी थी. इसे वापस ले लिया गया. पहले दायर की गयी याचिका में न्यायालय द्वारा दिया गया आदेश स्पष्ट है. इसलिए आप संविधान के अनुच्छेद-26 के तहत इस मामले को लेकर हाइकोर्ट जायें.

एएसजी एसवी राजू (प्रवर्तन निदेशालय की ओर से) : सरकार पांच सितारा सुविधाओं वाली जगह को कैंप जेल बना रही है.

न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा हाइकोर्ट जाने का निर्देश दिये जाने और एसवी राजू की बात खत्म होने के बाद कपिल सिब्बल ने न्यायालय ने फिर अनुरोध करना शुरू किया. उन्होंने न्यायालय से यह अनुरोध किया कि वह हाइकोर्ट में दायर याचिका को निष्पादित करने के लिए एक निश्चित तिथि या समय निर्धारित करे. लेकिन, न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इसे अस्वीकार कर दिया. उन्होने हाइकोर्ट को याचिका शीघ्र निबटाने का निर्देश दिया. इस निर्देश के बाद हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए बनी विशेष पीठ की कार्रवाई समाप्त हो गयी.

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