12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऑटो सेक्टर को हिला रहा ‘लाल सागर’ से उठा तूफान, जानें अब क्या होगा अंजाम

नवंबर 2023 में ईरान समर्थित यमन के हूती आतंकवादियों ने ब्रिटेन के स्वामित्व और जापान से ऑपरेट होने वाले मालवाहक जहाजों पर लाल सागर में हमला कर दिया था. न्होंने लाल सागर में एक अंतरराष्ट्रीय मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया था. जब्त किया गया मालवाहक जहाज भारत जा रहा था.

नई दिल्ली: एशिया और अफ्रीका महादेश को अलग करने वाले लाल सागर से पिछले साल नवंबर में उठा तूफान ने भारत के ऑटो सेक्टर को हिलाकर रख दिया है. ईरान समर्थित यमन हूती आतंकवादियों ने पिछले साल के नवंबर महीने में मालवाहक जहाजों पर ड्रोन से हमला कर दिया. इन हूती आतंकवादियों ने ब्रिटेन के स्वामित्व वाले और जापान से ऑपरेट होने वाले मालवाहक जहाजों पर अपना कब्जा जमा लिया था, जिसकी वजह से वाहनों के उत्पादन के लिए दूसरे देशों से आयात होने वाले कलपुर्जों के भारत पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई. हमले में काफी सामान नष्ट हो गए. इसका नतीजा अब दिखाई दे रहा है और भारत की वाहन निर्माता कंपनियां लागत में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं. हालांकि, इन कंपनियों ने जनवरी 2024 में वाहनों की कीमतों में एक से दो फीसदी तक इजाफा किया है. लेकिन, आशंका यह भी जाहिर की जा रही है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी महीने मार्च से पहले ये कंपनियां वाहनों की कीमतों में एक बार फिर इजाफा कर सकती हैं.

ऑटो कंपनियों कर रहीं लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना

समाचार एजेंसी रॉयटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, मारुति के इन्वेस्टमेंट रिलेशन चीफ राहुल भारती ने संकेत दिया है कि लाल सागर में ईरान समर्थित यमन के हूती आतंकवादियों के हमले मालवाहक जहाजों पर हमले और कब्जे के बाद ऑटो सेक्टर को लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से कंपनियां आने वाले महीनों में यात्री वाहनों की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी कर सकती हैं.

उत्पादन लागत में बढ़ोतरी को लेकर कंपनियां आशंकित

एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि हूती आतंकवादियों के इस हमले के बाद भारत की वाहन निर्माता कंपनियां उत्पादन लागत में बढ़ोतरी को लेकर आशंकित हैं, जिसका असर यात्री वाहनों की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है. हालांकि, मारुति के राहुल भारती ने यह नहीं बताया कि मारुति सुजुकी अपनी यात्री कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि लाल सागर संकट की वजह से कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करना महत्वपूर्ण नहीं हो सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कारों की वेटिंग पीरियड जरूर बढ़ सकती है.

नवंबर 2023 में हूती आतंकियों ने किया था हमला

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2023 में ईरान समर्थित यमन के हूती आतंकवादियों ने ब्रिटेन के स्वामित्व और जापान से ऑपरेट होने वाले मालवाहक जहाजों पर लाल सागर में हमला कर दिया था. इसके अलावा, उन्होंने लाल सागर में एक अंतरराष्ट्रीय मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया था. उस समय इजरायल ने इसकी जानकारी भारत समेत पूरी दुनिया से साझा की थी. इजरायल ने कहा था कि हूती आतंकवादियों द्वारा जब्त किया गया मालवाहक जहाज भारत जा रहा था. तेल अवीव ने इसे आतंकवादी घटना करार देते हुए मालवाहक जहाज पर कब्जा करने का आरोप ईरान पर लगाया था. उसने कहा था कि ये वैश्विक स्तर पर एक बहुत गंभीर घटना है.

ईरान के इशारे पर आतंकियों ने उठाया कदम

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से कहा गया था कि ब्रिटिश स्वामित्व वाले और जापान से ऑपरेट होने वाले मालवाहक जहाज को ईरान के सहयोगी हूती आतंकवादियों ने कब्जा लिया है. नेतन्याहू कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि ये ईरान का एक आतंकी काम है, जो ग्लोबल शिपिंग रूट्स की सुरक्षा को प्रभावित करता है. ये ईरान के जरिए आजाद दुनिया के लोगों के खिलाफ किए जाने वाली कार्रवाइयों को दिखाता है.

हूती आतंकियों के हमले से भारत चिंतित

नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों की ओर से मालवाहक जहाजों पर ड्रोन से किए गए हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता प्रकट की. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस क्षेत्र से भारत का हित जुड़ा हुआ है और इस प्रकार के हमलों से सरकार काफी चिंतित है. इसके अलावा, इस मामले के समाधान के लिए भारत अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ ही खाड़ी क्षेत्र के अपने मित्र देशों जैसे सऊदी अरब, यूएई और अफ्रीका महाद्वीप के देश इथोपिया और मिस्र के भी संपर्क में हमेशा से बना हुआ है.

Also Read: जनवरी में गाड़ियों ने बिक्री ने पकड़ी रफ्तार, मारुति-महिंद्रा और टाटा का बोलबाला बरकरार

एशिया को अफ्रीका से अलग करता है लाल सागर

दरअसल, लाल सागर महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जलमार्ग है, जिसके जरिए भारत समेत एशिया के कई देशों के मालवाहक जहाज अमेरिका-ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों से सामान लेकर भारत पहुंचते हैं. लाल सागर एशिया को अफ्रीका महादेश से अलग करता है. यह हिंद महासागर, एशिया और अफ्रीका के बीच में पड़ता है. यह स्वेज नहर के जरिए यूरोप के भूमध्य सागर से जुड़ता है. इस लाल सागर से मिस्र, सऊदी अरब, यमन, सूडान, इरिट्रिया और जिबूती की सीमाएं लगती हैं. करी 2250 किलोमीटर लंबाई के इस समुद्री विस्तार की औसत गहराई 490 मीटर है तथा सबसे चौड़े स्थान पर इसके तटों के बीच 355 किलोमीटर की दूरी है. इस लाल सागर में यमन के हूती आतंकवादी काफी सक्रिय रहते हैं और मालवाहक जहाजों पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लेते हैं. इस वजह से भारत समेत एशिया के अन्य देशों में वस्तुओें के उत्पादन लागत में बढ़ोतरी दिखाई देती है.

Also Read: मोदी सरकार ने ऑटो सेक्टर पर की पैसों की बरसात! PLI स्कीम से मिलेंगे 3,500 करोड़ रुपये

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें