पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने कहा कि हम 21 फरवरी तक बंगाल में 21 लाख ऐसे मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में धन अंतरित करेंगे, जिन्हें भुगतान नहीं किया गया है . शनिवार को ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि यह अच्छी बात है कि केंद्र ने पैसा दिया है, लेकिन उनकी सरकार अब केंद्र सरकार का चेहरा नहीं बनेगी. राज्य के जिन 21 लाख लोगों का 100 दिन का वेतन बकाया है, उसका भुगतान नबान्न द्वारा किया जायेगा. इस दिन ममता ने कहा, ”21 फरवरी तक 21 लाख लोगों के बैंक खातों में बकाया वेतन आ जाएगा और उनकी इस घोषणा से 100 दिन के मजदूर वर्ग में स्वाभाविक तौर पर खुशी का माहौल है.
इस दिन मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बाकी मजदूरों को भी पैसा देगी. राज्य का बजट 8 फरवरी को पेश किया जाएगा. यहीं पर बाकी कर्मियों के बकाये का भुगतान करने के फैसले की घोषणा हो सकती है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले श्रमिकों के बकाया भुगतान की जिम्मेदारी लेने की राज्य सरकार की घोषणा निस्संदेह एक बड़ी घोषणा मानी जा रही है. केंद्रीय बकाया राशि से वंचित करने के विरोध में ममता बनर्जी शुक्रवार से रेड रोड पर 48 घंटे से धरने पर बैठी हैं.दिल्ली आप के पूर्व नेता योगेन्द्र यादव शनिवार को अपने धरना मंच पर नजर आए. उन्होंने आप छोड़ दी और अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू की है. योगेन्द्र यादव आज ममता की बीजेपी विरोधी लड़ाई में शामिल हो गए. इस दिन मंच पर ममता बनर्जी ने उनका स्वागत भी किया.
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100 दिन काम करने के बाद भी बंगाल के मजदूरों को केंद्र से नहीं मिला पैसा. लंबे समय से केंद्र से तनातनी चल रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बावजूद बकाया भुगतान नहीं मिला. तृणमूल अखिल भारतीय महासचिव ने पूजा से पहले मजदूरों को दिल्ली ले जाकर बकाया राशि की मांग को लेकर धरना दिया. लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. बंगाल के मजदूरों को बकाया पैसा नहीं मिला.अब उनके पक्ष में खड़े होकर राज्य सरकार ने बकाया भुगतान की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है और केंद्रीय बकाया के मुद्दे पर धरने के मंच से ममता बनर्जी ने ऐलान किया.