लोकसभा चुनाव के कुछ ही दिन शेष हैं. इसको लेकर सभी पार्टियां कमर कस रहीं हैं. केंद्र की मोदी सरकार से टक्कर लेने के लिए विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया है जिसे इंडिया नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ नाम दिया गया है. अभी गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चर्चा चल रही है लेकिन कुछ राज्यों में कांग्रेस की बात नहीं बन पाई है. इन्ही राज्यों में एक दिल्ली है, जहांआम आदमी पार्टी (आप) अपने पत्ते नहीं खोल रही है. लोगों के मन में अब सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस और ‘आप’ साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ पाएगी, वो भी दिल्ली में? ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों पार्टियां सीट शेयरिंग को लेकर एक टेबल पर बैठ चुकी है लेकिन कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. इस बीच शनिवार को पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित रामलीला मैदान में कांग्रेस की एक विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है जिसे ‘न्याय संकल्प सम्मेलन’ का नाम दिया गया है.
काफी दिनों के बाद कांग्रेस की हो रही है रैली
‘न्याय संकल्प सम्मेलन’ की बात करें तो इसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सम्बोधित करते नजर आएंगे. इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी ने पूरा जोर लगाया है. पूर्वी दिल्ली, उतर पूर्वी दिल्ली एवं यमुना पार के इलाकों में पोस्टरों एवं बैनर दिख रहे हैं. पूरा इलाका कांग्रेसमय हो गया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा इतने बड़े पैमाने पर किसी रैली का आयोजन काफी दिनों के बाद किया जा रहा है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली खुद रैली को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. वे सोशल मीडिया पर लोगों से अपील करते भी दिख रहे हैं.
क्या रहा है पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव का इतिहास
लोकसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेस दिल्ली में पूरा जोर लगा रही है. इसलिए यहां की स्थिति पर नजर डालना जरूरी है. पिछले दो लोकस चुनाव में मोदी लहर में सभी पार्टियां डूब गईं थी. इसलिए इस बार के चुनाव में विपक्ष एकजुट होकर चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीट पर कब्जा किया था. यदि बात साल 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो इस साल भी बीजेपी ने कांग्रेस और ‘आप’ का सूपड़ा साफ करके सातों सीट पर जीत दर्ज की थी. राजनीतिक गलियारों में खासी हलचल मचाने के बाद भी ‘आप’ को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी. वहीं कांग्रेस भी पूरी तरह से साफ हो गई थी. कांग्रेस व ‘आप’ में यदि गठबंधन की सुगबुगाहट परवान नहीं चढ़ी तो ‘आप’, भाजपा व कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिल्ली में इस बार देखने को मिल सकता है.
2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर कौन रहा था दूसरे और तीसरे नंबर पर जानें
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चांदनी चौक में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.
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उत्तर पूर्वी में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.
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पूर्वी दिल्ली में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.
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नई दिल्ली में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.
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उत्तर पश्चिमी में आप दूसरे नंबर पर जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी.
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पश्चिमी दिल्ली में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.
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दक्षिणी दिल्ली में आप दूसरे नंबर पर जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी.
आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन को एक के बाद एक झटके लगते नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी पंजाब और हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है. ममता बनर्जी ने भी पश्चिम बंगाल में ‘एकला चलो’ के संकेत दिए हैं. कुछ दिनों से टीएमसी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है.