पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 56 के पहाड़ी और रानीपुर मौजा में मेट्रो डिपो के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद काम में बाधा बन रहे एक मकान को प्रशासन ने तोड़ दिया है. शनिवार को प्रशासन की टीम के साथ दंडाधिकारी नियुक्त किए गए पटना सदर के सीओ, मेट्रो के अधिकारी, जिला व थाने की पुलिस बल के साथ वार्ड संख्या 56 के पहाड़ी व रानीपुर मौजा में अभियान चलाने पहुंचे. इस दौरान रश्मि ठाकुर के पति मनोज कुमार ठाकुर का घर ध्वस्त कर दिया गया.
घर पर नोटिस किया गया था चस्पा
प्रशासन की टीम का कहना है कि जिला भू-अर्जन की ओर से मकान को तोड़ने और क्षतिपूर्ति मुआवजे की सूचना मकान मालिक को दी गयी थी. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से दी गयी सूचना को लेने से मकान मालिक ने इनकार कर दिया. इसके बाद निर्गत नोटिस मकान मालिक के मुख्य द्वार पर चस्पा कर दिया गया. इसके बाद ही प्रशासन की टीम ने परियोजना के कार्यान्वयन में आ रही बाधा को दूर करने के लिए नियमानुसार अभियान चलाते हुए मकान को ढ़ाया है.
हाइकोर्ट में चल रहा मामला
प्रशासन की कार्रवाई का विरोध कर रहे नागरिकों का कहना है कि मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है. इसमें फैसला सुरक्षित रखा गया है. इसके बाद प्रशासन की टीम ने जबरन जेसीबी से मकान को तोड़ा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि प्रशासन की कार्रवाई से परिवार ठंड के मौसम में खुले आसमान में आ गया.
37 पक्के मकान हैं निशाने पर, तीन पहले भी हो चुके हैं ध्वस्त
स्थानीय लोगों की मानें तो मामला यह है कि वार्ड संख्या 56 के पहाड़ी और रानीपुर मौजा में मेट्रो डिपो और प्रोपर्टी डेवलपमेंट एरिया के तहत मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और रेसिडेंशियल क्वार्टर बनाने के लिए लगभग 75 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया है. इसमें 37 पक्का मकान हैं. इन्हें भी तोड़ा जा सकता है.
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पीड़ितों ने कहा कि प्रशासन नियमों को ताक पर रख मकान ध्वस्त कर रहा है. प्रशासन के इस कार्रवाई की अर्जी भी न्यायालय में लगायी जायेगी. इससे पहले भी प्रशासन की टीम ने बीते 29 नवंबर को अभियान चला कर तीन मकानों को ध्वस्त किया था.
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