देवघर : 14 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर बाबा मंदिर परिसर स्थित मां सरस्वती के मंदिर में मंदिर इस्टेट एवं पुजारी परिवार द्वारा मां की वार्षिक पूजा की जायेगी. परंपरा के अनुसार, इसी दिन बाबा का तिलकोत्सव भी होगा. शाम में शृंगार पूजा के अवसर पर बाबा का पट खुलने के बाद लक्ष्मी नारायण मंदिर में तिलक पूजा की जायेगी. इसके बाद गर्भ गृह में बाबा पर गुलाल अर्पित कर तिलक की परंपरा निभायी जायेगी. बाबा पर गुलाल अर्पित करने की यह परंपरा फाल्गुन मास पूर्णिमा तक जारी रहेगी. इसके लिए अभी सै तैयारी की जा रही है. बाबा मंदिर के बैरिकेडिंग स्पाइरल आदि को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. मंदिर परिसर में बिजली, पानी एवं सफाई की व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए कहा गया है. मालूम हो कि, बसंत पंचमी के तीन दिन पूर्व से ही मिथिलांचल से पारंपरिक कांवर लेकर भारी संख्या में भक्तों का आगमन होता है. ये लोग खुले आसमान के नीचे आरएल सर्राफ स्कूल, आर मित्रा, क्लब ग्राउंड, बीएड कॉलेज, पशुपालन विभाग परिसर, परिवहन विभाग परिसर आदि खाली जगहों में डेरा डालेंगे. बसंत पंचमी के दिन बाबा पर गुलाल अर्पित करने के बाद कांवर यात्रा की सफलता के लिए भैरव पूजा कर आपस में होली खेलकर कर वापस जाएंगे.
देवघर बाबा मंदिर में भक्तों के आने की तादाद बढ़ने लगी है. सोमवार को दशमी तिथि के अवसर पर मंदिर में सुबह से ही काफी भीड़ देखी गई. आम कतार मानसरोवर के पार पहुंच गयी थी. भीड़ के कारण काफी संख्या में लोग शीघ्र दर्शनम कूपन के माध्यम से भी प्रशासनिक भवन के रास्ते प्रवेश करते देखे गये. सुबह से धार्मिक अनुष्ठान कराने वालों का तांता लगा रहा. 12 बजे के बाद रुद्राभिषेक कराने के लिए गर्भगृह में काफी भीड़ रही. पट बंद होने तक करीब 50 हजार भक्तों ने जलार्पण किया.
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