इचाक : हजारीबाग जिले में पहाड़ों के बीच बसा पूरनपनिया गांव की गर्भवती महिला रेणु देवी (पति मुकेश हांसदा) को प्रसव के लिए खाट पर लेटाकर अस्पताल ले जाया गया. ग्रामीणों ने तीन किलोमीटर पहाड़ी पर पगडंडी के रास्ते खाट की डोली में लेटाकर फुफंदी गांव तक पहुंचाया. इसके बाद भी ममता वाहन का लाभ नहीं मिला. निजी वाहन से परिजन सीएचसी इचाक लाए, जहां डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को सदर अस्पताल रेफर कर दिया. महिला ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि जन्म के बाद बच्चे की स्थिति गंभीर बनी हुई है. मालूम हो कि सोमवार की शाम सात बजे महिला को लेबरपेन शुरू हुआ.
सड़क और एंबुलेंस के अभाव में रात भर प्रसव पीड़ा से महिला कराहती रही. महिला को खाट की डोली में अस्पताल लाने में बाबूराम हांसदा, श्यामलाल मांझी, केशोलाल हांसदा, जागेश्वर सोरेन, रोहित किस्कू, शंकर हांसदा, पताई देवी, सूरजी देवी, नुनी देवी ने सराहनीय योगदान दिया. सड़क निर्माण की मांग को लेकर समाजसेवी सह भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला महामंत्री रमेश कुमार हेम्ब्रोम ने इन कठिन समस्या को लेकर कई बार जिला प्रशासन व वन विभाग को लिखित आवेदन दिया है. इसके बावजूद आज तक सड़क नहीं बनी. इस कारण वर्षों से गांव की गर्भवती व बीमार लोगों के समक्ष विकट समस्या हो रही है. इस गांव में सड़क निर्माण नहीं होने का मुख्य कारण वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं मिलना बताया जा रहा है.
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