देवघर : तीन फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बाबा मंदिर में पूजा के दौरान हुई घटना को लेकर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री सहित 20-25 अन्य पर प्राथमिकी के बाद मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि महामंत्री समेत अन्य पर मामला दर्ज कराते हुए दंडाधिकारी के रूप में मौजूद जिला सांख्यिकी पदाधिकारी कमलेश कुमार, श्रम अधीक्षक शैलेंद्र कुमार साह एवं जिला उद्यान पदाधिकारी यश राज ने अपने आवेदन में जिक्र किया है कि तय कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी के साथ पुरोहित श्रीनाथ पंडित उर्फ पिंकू महाराज, लंबोदर परिहस्त, संजय झा, गुलाब शृंगारी एवं सुनील तनपुरिये को ही गर्भगृह में प्रवेश कराने का आदेश था. वहीं, गर्भगृह के अंदर पूजा के दौरान तस्वीर में 14 लोग दिख रहे हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि जब पहले से तय संख्या से अधिक लोग गर्भगृह में मौजूद थे, तो उन्हें प्रवेश करने से क्यों नहीं रोका गया. तय संख्या से अतिरिक्त लोग किसकी अनुमति से गर्भ गृह में गये. यह एक बड़ा सवाल बन गया है. इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है. राहुल गांधी को पूजा कराने की लिस्ट में इनका नाम नहीं था. इसके बावजूद इतने लोगों के प्रवेश करने पर सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चर्चा बनी हुई है.
राहुल गांधी के साथ गर्भगृह में मिथिलेश झा, देवू फलहारी, मिट्ठू महाराज, रमेश कुमार परिहस्त, गुड्डू शृंगारी, विजय झा दिखे. साथ ही पनभरा भी मौजूद था.
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