Monkey Fever Symptoms: मंकी फीवर के मामले भारत के कर्नाटक राज्य में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. यह फीवर शुरुआती दिनों में नार्मल बुखार की तरह से रह रहा है. लेकिन इसका असर धीरे-धीरे पीड़ित लोगों पर देखने को मिल रहा है. कर्नाटक में मंकी फीवर से दो लोगों की मौत भी हो गई है. आइए जानते हैं क्या है मंकी फीवर, इसके लक्षण और इससे बचने के तरीके आदि के बारे में.
वैसे तो मंकी फीवर बेहद खतरनाक वायरस है. इसे क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (केएफडी) के रूप में भी जाना जाता है. यह एक हेमरेजिक बुखार है, जो क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज वायरस के कारण लोगों में होता है. मंकी वायरस बंदर, लंगूर और बोनट मकाक को संक्रमित टिक्स के काटने से फैल रही है.
मंकी फीवर के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में भीषण दर्द, कमजोरी, दस्त, थकान, आंखों में दर्द या सूजन, नाक और मसूड़ों से खून बार-बार उल्टी होना आदि है.
Also Read: Home Remedy for Piles Treatment: सालों पुरानी बवासीर से हैं परेशान तो करें ये घरेलू इलाजगौरतलब है कि मंकी फीवर का अभी तक कोई विशेष उपचार नहीं है. हालांकि मंकी फीवर से बचने के लिए उन जंगली इलाकों में जाने से बचें, जहां इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा है. अगर आप जंगली इलाके में जा रहे हैं तो लंबी बाजू वाले कपड़े, पैंट और बंद जूते पहनें. मंकी फीवर से बचने के लिए बंदरों और उनके आसपास भूलकर भी न जाएं.
Also Read: Healthy Drinks For Anaemia: शरीर में है खून की कमी तो आज से ही सेवन करना शुरू कर दें ये 4 जूसफिलहाल आपको बताते चलें कि अगर आप ऐसी जगह गए हैं जहां मंकी फीवर के मरीज सबसे अधिक पाए जा रहे हैं और वहां से वापस आने के बाद आपको भी बुखार, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Also Read: Homemade Drinks For Weight Loss: वजन कम करने के लिए आज से ही पीना शुरू कर दें ये 4 जूसDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.