देवघर के कास्टर टाउन स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के सामने सड़क दुर्घटना में घायल स्कूली छात्रा ऋषिका की सदर अस्पताल में मौत की सूचना मिलने के बाद छात्रा के परिजन समेत आसपास के मुहल्लेवासियों की भीड़ घटनास्थल पर जुटने लगी. घटना के करीब एक घंटे बाद करीब पौने 10 बजे डीएवी स्कूल के सामने घटनास्थल पर काफी भीड़ जमा हो गयी व घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए लोग सड़क जाम कर हंगामा व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. पहले तो एसडीपीओ ऋत्विक श्रीवास्तव व उनके साथ के पुलिस पदाधिकारी व पुलिसकर्मी आक्रोशित भीड़ को शांत कराने की कोशिश करते रहे, मगर वे मानने को तैयार ही नहीं थे.
वहीं करीब 10:35 बजे लोग अचानक लोग उग्र हो गये व बस में तोड़ फोड़ के लिए उसके अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. इस दौरान बस के दरवाजे के सामने मौजूद कुंडा थाना के एक एएसआई लालबिहारी पांडेय को धक्का देकर भीतर घुसने लगे, तब पुलिस वालों ने उन्हें रोका. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने बस व पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे. लोगों ने बस के शीशे तोड़ दिये.
इस दौरान नगर थाना प्रभारी राजीव कुमार, एसआइ कुमार अभिषेक, एसआइ सुमन कुमार सहित दर्जनों की संख्या में जिला बल व 25 की संख्या में जैप-पांच के जवान पहुंच चुके थे. लोगों का उपद्रव व पत्थरबाजी देख पुलिस ने लोगों को खदेड़ना शुरू किया. भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी. इससे वहां भगदड़ की स्थिति हो गयी, तो लोग इधर-उधर भागते दिखे.
इसके बाद पुलिस ने डीएवी स्कूल से लेकर होटल रिलेक्स तक, डीएवी स्कूल से होकर सुभाष चौक की ओर जाने वाली सड़क पर से उपद्रवियों को खाली कराया. पुलिस के बल प्रयोग किये जाने के बाद ही लोगों की भीड़ घटनास्थल से हट गयी. मौके पर मजिस्ट्रेट के रूप में सीओ अनिल कुमार मौजूद थे.
लोगों की भीड़ खाली होने के बाद जैप-पांच के आधा दर्जन कर्मी व 25 की संख्या में जवान डीएवी स्कूल के समीप घटनास्थल पर पहुंचे. लोगों के द्वारा हवा निकाल दिये गये टायर को बदलने के बाद बस को नगर थाना की पुलिस ने जब्त कर सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया है.
कास्टर टाउन स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के सामने सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित लोग हंगामा करने लगे. इस दौरान घटनास्थल पर एसडीपीओ ऋत्विक श्रीवास्तव पहुंचे. उनके साथ नगर थाना के एसआइ कुमार अभिषेक, एसआइ सुमन कुमार, कुंडा थाना के एएसआइ लाल बिहारी पांडेय व पुलिसकर्मी थे. वे आक्रोशित लोगों व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते उपद्रवी युवाओं को समझाने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान लोग ट्रैफिक चेकिंग के नाम पर पुलिस के द्वारा आम लोगों को परेशान कर जुर्माना वसूलने की बात कहते हुए उग्र होते जा रहे थे. अचानक से लोगों ने बस में तोड़फोड़ शुरू कर दी और ईंट-पत्थर फेंकने लगे. साथ ही बस में आग लगाने की बात कहने लगे. इसके बाद एसडीपीओ ने मोर्चा संभाला तथा लोगों को बल प्रयोग कर खदेड़ने की बात कही. फिर क्या था, पुलिसकर्मी रेस हो गये और स्कूल से तीनों तरफ जाने वाले रास्ते में लोगों को खदेड़ कर पीछे किया. ये कार्रवाई 10-15 मिनट तक चली और देखते ही देखते घटनास्थल व आसपास का इलाका खाली हो गया. अगर एसडीपीओ ऐन वक्त पर सख्ती नहीं दिखाते, तो बड़ी घटना हो सकती थी. छह थानों के थानेदार सदल-बल पहुंचे घटनास्थल
उपद्रव व पत्थरबाजी को देख कर एसडीपीओ ने वरीय पदाधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए बल की मांग की. सूचना के कुछ ही देर बाद नगर थाना प्रभारी राजीव कुमार, मोहनपुर थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप, सारवां थाना प्रभारी प्रदीप लकड़ा, कुंडा प्रभारी संतन यादव, महिला थाना प्रभारी संगीता रजवार, रिखिया थाना प्रभारी सहबीर उरांव सहित जैप-पांच के हवालदार दो दर्जन जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद मामले को नियंत्रित किया गया. मामला शांत होने के बाद एसडीपीओ व नगर थाना प्रभारी सदर अस्पताल को निकल गये. जाते-जाते घटनास्थल की समय-समय पर जानकारी देने का निर्देश दिया. इसके बाद लगभग 2.30 बजे तक काफी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर डटे रहे.
घटना के दौरान आक्रोश जता रही भीड़ में शामिल ब्लैक रंग के टी-शर्ट व ब्लैक रंग के ट्राउजर पहने एक युवक को वीडियो फुटेज के आधार पर हिरासत में ले लिया है. उसे थाना लाकर पूछताछ की जा रही है.
जैप-पांच की बस से कुचलकर ऋषिका की मौत व उसके चचेरे भाई-बहनों के घायल होने की सूचना पर परिजन सीधे सदर अस्पताल पहुंचे. ऋषिका शव देख उसके माता-पिता, दादा सहित अन्य परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे. पल भर में ही परिजनों की चीख-पुकार से पूरे अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया.आक्रोश में मृतका के पिता राकेश कुमार मंजुल पुलिस की वाहन चेकिंग पर ही सवाल उठाने लगे. उनका कहना था कि पुलिसकर्मी हेलमेट चेकिंग के नाम पर रोजाना घेरकर लोगों को परेशान करती है, पुलिस-प्रशासन को यातायात नियम पालन नहीं करने की खुली छूट किसने दे रखी है. राकेश का आरोप यह भी था कि सुनने को मिला है कि इसी पुलिस बस के चालक ने कई दुर्घटना को अंजाम दिया है. बावजूद पुलिस होने के कारण उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बस चालक को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है.
देवघर एसडीपीओ ऋत्विक श्रीवास्तव घटना काफी दुखद है. दोषियों पर कार्रवाई होगी. दूसरी तरफ पुलिस बस से यह हादसा हुआ है. इसकी जांच चल रही है. संभवत यह बस काफी पुरानी हो गयी थी और इसे अब तक हटा दिया जाना चाहिए था. इसको लेकर जिला प्रशासन से इसके ऊपर कार्रवाई की मांग की जायेगी. दोबारा इस तरह का हादसा न हो, इसके लिए व्यापक व्यवस्थाएं की जायेंगी. फिलहाल घायलों का इलाज देवघर सदर अस्पताल में कराया जा रहा है.
नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली देवघर की ऋषिका की परीक्षा चल रही थी. वह हर दिन की तरह समय से उठकर स्कूल जाने के लिए तैयार हुई. परिजनों के मुताबिक, शनिवार को उसकी केमिस्ट्री की परीक्षा थी. परीक्षा के लिए जल्दी पहुंचने को वह काफी उत्सुक थी. रोजाना तो वह टोटो से स्कूल जाती थी. परीक्षा में देर हो जाती, इसलिए वह भी स्टाफ के साथ स्कूटी से ही स्कूल जा रही थी. सुबह वह चचेरे भाई-बहनों के साथ खुशी-खुशी स्कूल जाने के लिए घर से साथ निकली थी, लेकिन नीयति को कुछ और मंजूर था. महज कुछ मिनट में ही वह सभी से बिछड़ गयी. इस घटना से पड़ोसी भी काफी दु:खी हैं. दुर्घटना की खबर सुनकर पहले सभी घटनास्थल पहुंचे, फिर वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे. पड़ोसियों का कहना था कि ऋषिका पढ़ने में काफी मेधावी थी. साथ ही काफी विनम्र थी.
Also Read: झारखंड : देवघर में पुलिस की गाड़ी से कुचल कर छात्रा की मौत, तीन घायल Also Read: धनबाद : झरिया में सड़क दुर्घटना के बाद बवाल, लोगों ने वाहनों के शीशे तोड़े, पुलिस को भी खदेड़ा