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टीवी धारावाहिक होने बावजूद ‘उड़ने की आशा’ शो में मेरा नो मेकअप लुक है… अभिनेत्री नेहा ने किया खुलासा

अभिनेत्री नेहा हरसोरा जल्द ही स्टार प्लस के शो उड़ने की आशा में नज़र आएंगी. उन्होंने कहा, मेरे किरदार सयाली का बैकग्राउंड लोअर मिडिल क्लास का है. किस तरह का उसका संघर्ष है और वह पूरे परिवार को संभाल रही है.

अग्निवायु, राज महल और ध्रुव तारा जैसे धारावाहिकों का हिस्सा रही अभिनेत्री नेहा हरसोरा जल्द ही स्टार प्लस के शो उड़ने की आशा में नज़र आएंगी. वह इस शो को अपने अब तक की भूमिकाओं से काफी टफ करार देती हैं, क्योंकि उन्हें इसके लिए काफी होमवर्क से गुजरना पड़ा. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…

उड़ने की आशा शो की कहानी और किरदार क्या है ?

मेरे किरदार सयाली का बैकग्राउंड लोअर मिडिल क्लास का है. किस तरह का उसका संघर्ष है और वह पूरे परिवार को संभाल रही है. उसके बारे में ही कहानी है. बहुत ही असल जिंदगी से प्रेरित आपको कहानी लगेगी. मुझे लगता है कि यह लोगों को बहुत कनेक्ट करेगा.यह मुंबई की कहानी है. यहां पर संघर्ष कर रहे लोगों की, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर रोज कितना कुछ झेलते हैं.

किस तरह से आप इस शो से जुड़ी?

मैंने ऑडिशन दिया. एक बार प्रोडक्शन हाउस के ऑफिस जाकर ऑडिशन दिया. उन्होंने फिर मॉक शूट किया. उसके बाद मुझे पता चला कि मैं लॉक हो गयी.

इस किरदार से आप कितना जुड़ाव महसूस करती हैं?

काफी रिलेट कर पाती हूं. इसमें बताया गया है कि सायली घर की बड़ी है.रियल लाइफ में नेहा भी घर पर बड़ी है. मेरे से छोटे चार हैं. भाई-बहनों का अच्छा हो. अच्छे से पढ़े लिखें. ये सब मेरी भी सोच है. माता-पिता को कोई परेशानी ना हो. ये भी मैं चाहती हूं, तो काफी जुड़ाव किरदार से करती हूं.

इस किरदार के लिए क्या कुछ सीखना पड़ा?

बहुत कुछ सीखना पड़ा. टु व्हीलर चलाना, हार गजरे और तोरण बनाना सीखना पड़ा, क्योंकि यह एक फुलवाली है. यह सब सीखने में समय गया. जैसे ही मुझे मालूम हो गया कि यह शो मुझे मिलने वाला है. मैंने खुद पर काम करना शुरू कर दिया. हमारे घर के सामने की सड़क पर हार बनाने वाले थे तो लगातार पंद्रह दिन मैंने उनके पास जाकर हार बनाना सीखा. वे अपने कस्टमर से कैसे बात करते हैं, ये भी समझने की कोशिश की. भाषा पर भी काम किया. मैं असल जिंदगी में मैं गुजराती हूं, तो मुझे थोड़ा मराठी डायलेक्ट पर काम करना पड़ा. एक्टिवा की मैंने एक दिन में दो-दो क्लासेज की. उसके बाद ही मैं एक्टिवा की ड्राइविंग में सहज हुई. मैं थोड़ी चब्बी हूँ , जबकि इस शो मं मैं गरीब परिवार से हूं, तो उसी के अनुसार मुझे अपनी बॉडी टोन डाउन करनी पड़ी. इस सीरियल को बहुत ही रीयलिस्टिक रखा गया है. यह शो इतना रीयलिस्टिक है कि ये लोग मेरे पिम्पल के दाग को भी वैसे ही रहने दे रहे हैं. बाल भी नेचुरल है. उन्होंने मुझे कपडे भी पुराने करके ही दिए हैं. मेरे चप्पल भी बहुत पतले सोल की है. जिसे पहनकर चलना मुश्किल हो जाता है. इस सीरियल में दिखाया गया है कि मेरे जो पापा हैं , वो मेरे लिए स्कूटी भी अफोर्ड नहीं कर सकते हैं, इसलिए मुझे बाइक भी पुरानी ही दी गयी है. मुझे ऐसी बाइक मिली है जो कभी भी बंद पड़ जाती है. उसे किक मार-मारकर मेरे दोनों पैरों में ग्रीन ग्रीन हो गया है.

आपकी जर्नी को देखें तो आपने नेगेटिव, सपोर्टिंग भूमिका वाले किरदार भी किये हैं, क्या कभी इंडस्ट्री ने आपको टाइपकास्ट?

मुझे हर तरह का किरदार करना है. मैंने नेगेटिव किया है और अब पॉजिटिव कर रही हूं. सबसे अच्छी बात है कि मुझे कभी टाइपकास्ट नहीं किया गया कि नेगेटिव ही ऑफर होगा. मैं हर तरह के किरदार और प्लेटफार्म में काम करने को तैयार हूं बस मैं करते हुए कम्फर्टेबल हूं या नहीं. ये मेरे लिए मायने रखता है.

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